छपरा (कोर्ट). रसूलपुर के घानाडीह गांव में 17 जुलाई को इकतरफा प्यार में तीन लोगों की हत्या में शामिल दो हत्यारे को जिला न्यायाधीश ने गुरुवार को बीएनएस की अलग-अलग धाराओं के तहत उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई है. घटना को गम्भीरता से लेते हुये जिला व सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग इस मामले को अपने पास रखे और उनके दिशा निर्देश पर पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष व उनके मातहत एसडीपीओ द्वितीय सदर राजकुमार लोक अभियोजक सुरेन्द्र नाथ सिंह उनके सहायक सुभाष चन्द्र दास अभियोजन कोषांग के इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह, एकमा इंस्पेक्टर बीरेंद्र सिंह, रसूलपुर एसएचओ प्रभात कुमार, आईओ रविन्द्र कुमार और एफएसएल विशेषज्ञ रत्ना ने अथक प्रयास किया.
इस मामले में पुलिस ने घटना के 16 वें दिन दो अगस्त को दोनों आरोपित के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित कर दिया. उसके छठे दिन आठ अगस्त को जिला जज ने आरोप का गठन कर मामले में गवाही कराये जाने का आदेश दिया. जिला जज के आदेश के उपरांत पांचवें दिन 13 अगस्त को ग्रामीण संतोष सिंह से गवाही शुरू हुई जो 30 अगस्त को आइओ रविन्द्र कुमार से समाप्त हुई. पुलिस ने ततपरता दिखाते हुये 12 गवाहों की न्यायालय में गवाही करायी. जिसमें कांड की सूचक शोभा देवी के अलावा ग्रामीण संतोष सिंह, मंटू सिंह, उमेश शर्मा और मनोज सिंह ने अभियोजन के पक्ष में गवाही दी. वहीं पुलिस विभाग से एसएचओ प्रभात कुमार, आइओ रवींद्र कुमार, एएसआइ सकलदेव पासवान और चौकीदार रोहित कुमार ने भी अपनी गवाही दर्ज करायी. मामले में एफएसएल के विशेषज्ञ रत्ना के अलावा एकमा के चिकित्सक डा. प्रभात कुमार और सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. धनन्जय कुमार ने भी अपनी गवाही दी. उपरोक्त सभी की गवाही देने के चार दिन बाद व घटना के 48वें दिन तीन सितंबर को जिला जज ने दोनों आरोपितों को मामले में दोषी ठहराते हुये उन्हें मुजरिम करार दिया और दो दिन बाद पांच सितंबर को दोनों को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है.17 जून को दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकी
विदित हो कि रसूलपुर के घानाडीह निवासी व मृतक तारकेश्वर सिंह की विधवा शोभा देवी ने 17 जून को जख्मी हालत में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें कही थी कि वह अपने पति तारकेश्वर सिंह और दो पुत्री 16 वर्षीया चांदनी कुमारी व 13 वर्षीया आभा कुमारी के साथ छत पर सोयी थी. लगभग दो बजे रात्री को सुधांशु व अंकित उसके घर के पीछे से छत पर चढ़ गये जिन्हें उनकी पुत्री चांदनी और उन्होंने देखा और विरोध किया तो दोनों ने चाकू निकाल कर मां बेटी पर हमला कर दिया. शोर सुन बगल में सोये पति और दूसरी पुत्री उठी और उन दोनों को बचाने दौड़े तो उनलोगों ने उन दोनों पर ताबड़तोड़ चाकू से हमला करने लगे. वह किसी तरह भागी और शोर मचायी तो गांव के लोग दौड़े. ग्रामीणों को आते देख दोनो पीछे से भाग गये. ग्रामीणों ने पुलिस को फोन किया तब पुलिस तीनों पिता पुत्री और उन्हें एकमा सरकारी अस्पताल लाये जहां चिकित्सक ने तीनों को मृत घोषित कर दिया और उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है