Chhapra News : रामधारी सिंह दिनकर की काव्यकृति कुरुक्षेत्र का हुआ मंचन
chhapra news : कला संस्कृति व युवा विभाग बिहार सरकार व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की काव्यकृति कुरुक्षेत्र का मंचन एसोसिएशन फॉर सोशल हरमोनी एंड आर्ट, छपरा के कलाकारों के द्वारा बिहार के युवा रंग निर्देशक व मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल के पूर्व छात्र मोहम्मद जहांगीर के निर्देशन में किया गया.
छपरा. कला संस्कृति व युवा विभाग बिहार सरकार व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की काव्यकृति कुरुक्षेत्र का मंचन एसोसिएशन फॉर सोशल हरमोनी एंड आर्ट, छपरा के कलाकारों के द्वारा बिहार के युवा रंग निर्देशक व मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल के पूर्व छात्र मोहम्मद जहांगीर के निर्देशन में किया गया. जिसका उद्घाटन महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल, विधायक डॉ सीएन गुप्ता, जिला परिषद अध्यक्ष जयमित्रा देवी, मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता की मौजूदगी में हुआ. कुरुक्षेत्र राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की काव्यकीर्ति कुरुक्षेत्र पर आधारित नाट्य मंचन है, मूल रूप से इस कविता में महाभारत के युद्ध के बाद जब पुरा कुरुक्षेत्र घायल और मृत्य सैनिकों से मृत्य हाथियों, घोड़े से पटा पड़ा है. तब की कथा है. इस भीषण विध्वंस को देख कर धर्मराज युधिष्ठिर विचलित हो उठे हैं और उनके मन में एक पीड़ा जाग उठी है कि आखिर इस महायुद्ध के उपरान्त विध्वंस और विनाश के अतरिक्त कुछ प्राप्त नही हुआ. इसी पीड़ा को लेकर वो भीष्म पितामह के पास पहुंचे हैं जो वाणो के शैय्या पर लेटे हैं और उनसे अपनी हृदय वेदना प्रकट करते हैं की अंतोहगत्व युद्ध का परिणाम दुखदाई ही होता है तो आखिर युद्ध की आवश्यकता ही क्यों है. तब भीष्म पितामह उन्हें समझाते हैं कि तुम अकेले इस युद्ध के लिए उत्तरदायी नहीं हो बल्की इस समर का आधार बहुत विशाल है. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने इस अंतर्द्वध को अपनी काव्य रचना में उकेरा है. इसके मुख्य अंश को ही नाट्य मंचन में रखा गया. ताकि निर्धारित समया अवधी में नाटक पूरा किया जा सके. नाटक की अवधि 55 मिनट की रही. नाटक कुरूक्षेत्र में भाग लेने वाले कलाकारों में गोविंदा कुमार, विक्की, ज्वैल, अमन आर्या, तन्नू कुमारी सिंह, प्रिंस, प्रणव, सोनू कुमार, आकाश केसरी, सोनू कुमार हन्त्री, हिमांशु ओबेरॉय विश्वजीत कुमार थे. स्वर सोनू कुमार, शशि कुमार, हरमोनियम पर संतोष कुमार, ढोलक पर सुनील कुमार, इफैक्ट देने में विक्की कुमार, संगीत और प्रॉप्टी में सोनू कुमार, प्रकाश परिकल्पना राजकपूर की रही. वस्त्र विन्यास सुल्ताना परवीन, रूप सज्जा जितेन्द्र कुमार जीतू व सेट गोविंदा कुमार, आकाश व धनराज ने किया.
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