रिविलगंज. प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभागार में प्रखंड प्रमुख पद पर चुनाव को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए पंचायत समिति सदस्यों की बैठक मंगलवार को बुलायी गयी. जिसके बाद वोटिंग की प्रक्रिया हुई. डीसीएलआर छपरा प्रिय व्रत रंजन के देख रेख में शांति पूर्ण वातारण में बैठक संपन्न हुआ.
इस दौरान प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से रिविलगंज थानाध्यक्ष सुभाष पासवान सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही. प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज के पक्ष में पांच जबकि विपक्ष में भी पांच मत पड़े. एक मत को अवैध घोषित कर दिया गया. हालांकि प्रमुख पद के उम्मीदवार तेजनारायण सिंह उर्फ गुड्डू सिंह ने कहा कि 11 पंचायत समिति सदस्यों में से छह पंचायत समिति सदस्यों ने मेरे पक्ष में वोटिंग किया था, लेकिन एक वोटिंग पेपर प्रखंड कर्मियों द्वारा मोड़ कर दिया गया. जिसमें पहले से ही स्याही लगा हुआ था. उसी वोट को बीडीओ के द्वारा कहा गया कि एक वोट क्रास वोटिंग हुआ है. गुडडू सिंह ने आरोप लगाया कि प्रखंड कार्यालय कर्मियों द्वारा हमारे साथ छल किया गया है. उन्होंने पटना उच्च न्यायालय जाने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा की हमारे टेकनिवास पंचायत के बीडीसी को प्रलोभन देकर प्रमुख के द्वारा खरीदने का प्रयास किया गया. लेकिन पंचायत समिति सदस्य ने बात नहीं मानी तो उन्हें फर्जी मुकदमे में वोटिंग के उपरांत गिरफ्तार करा दिया गया.राहुल राज ने कहा-नियम के अनुसार हुई प्रक्रिया
प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज ने कहा की नियमावली के अनुसार अगर बराबर मतदान होता तो पहले से जिसका पद रहता है उसे ही बरकरार रखा जाता है. बता दें कि प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज के लिखित आवेदन पत्र के द्वारा पंचायत समिति रिविलगंज के सभी पंचायत सदस्यों की विश्वास व अविश्वास चर्चा के लिए उच्च न्यायालय पटना आदेश के संबंध में विशेष बैठक बुलाने की मांग की थी. मांग के पूर्ति के लिए आज विशेष बैठक आयोजित की गयी थी. इसके पहले कुछ दिनों के लिए प्रखंड प्रमुख पद पर तेज नारायण सिंह उर्फ गुड्डू व उप प्रमुख अश्वनी कुमार यादव पद पर सुसोभित हुए थे. लेकिन उसी समय विपक्षी खेमा के डॉ राहुल राज ने चुनाव को गलत ढंग से करने की बात बातकर हाइकोर्ट पटना में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद हाइकोर्ट पटना ने 13 अगस्त 2024 को चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था और फ्लोटेस्ट देने के लिए प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज को हाई कोर्ट पटना ने निर्देश दिया था. उसी के आलोक 10 सितंबर को विश्वास और अविश्वास पर चर्चा को लेकर बैठक बुलायी गयी थी.क्या कहते हैं बीडीओ
पक्ष और विपक्ष में बराबर मतदान हुआ है. जिसमें एक क्रॉस वोटिंग हुई है. जिसे संबंधित अधिकारियों को आगे की करवाई के लिए भेज दिया गया है. वहीं जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं पटना में हूं इसकी जानकारी मुझे नहीं है, जानकारी ले लेता हूं. नितेश कुमार, बीडीओ, रिविलगंजडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है