छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पीजी व स्नातक के विभिन्न सत्रों में नामांकित करीब 90 फीसदी छात्र-छात्राएं नामांकन के बाद से ही कॉलेज करने नहीं आ रहे हैं. इन छात्रों ने सिर्फ नामांकन करा लिया है, लेकिन शहर के बाहर या किसी दूसरे राज्य में पढ़ाई करते हैं और जब परीक्षा फॉर्म भरने का समय आता है तो कॉलेज जाकर फॉर्म भर देते हैं. हालांकि इस साल से विश्वविद्यालय ने 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता को काफी कड़ाई से लागू कर दिया है. जिसके बाद अब वैसे छात्र-छात्राएं जो नामांकन के बाद से कभी कॉलेज नहीं आये. उन्हें फॉर्म भरने में कठिनाई हो रही है. इस समय पीजी सत्र 2022-24 के अंतर्गत परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा है. जब छात्र-छात्राएं फॉर्म भरने के लिए विभाग में पहुंच रहे हैं. तो सबसे पहले उनकी उपस्थिति जांच की जा रही है. जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है. उन्हें परीक्षा फॉर्म नहीं भरने दिया जा रहा है. हालांकि 50 से 60 फीसदी तक उपस्थिति वाले छात्रों को छूट मिल रही है. वहीं जो छात्र-छात्राएं नामांकन के बाद कुछ दिन तक कॉलेज आये. लेकिन बाद में वह अनुपस्थित रहने लगे. उनसे अनुपस्थिति का उचित कारण पूछा जा रहा है. बीमार रहने के कारण कॉलेज नहीं आने की बात कह रहे छात्रों से मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है. इसके बाद ही फॉर्म भरने की स्वीकृति मिल रही है. ऐसे में 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं परेशानी में है. अब यह छात्र छात्राएं अलग-अलग माध्यमों से पैरवी लगाकर फॉर्म भरने का जुगाड़ लगा रहे हैं.
प्रीमियर कॉलेज में भी नहीं आते छात्र-छात्राएं
जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमीयर कॉलेज राजेंद्र महाविद्यालय में पीजी व स्नातक के सभी विषयों की पढ़ाही होती है. यहां सभी विषयों में शिक्षकों की भी संख्या पर्याप्त है. उसके बावजूद भी वर्ग में उपस्थिति कम है. प्राचार्य प्रो सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित वर्ग संचालन का रूटीन भी जारी किया गया है. उसके बाद भी कुल नामांकित छात्रों में से महज 10 फीसदी छात्र-छात्राएं क्लास करने आ रहे हैं. स्नातक के तीन व पीजी के दो सत्र मिलाकर यहां पांच से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित है. वहीं शहर के जयप्रकाश महिला कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज, राम जयपाल कॉलेज आदि में भी नामांकन के अनुपात में महज पांच से 10 फीसदी छात्र-छात्राएं क्लास करने आ रहे हैं.पिछले साल लग गयी थी छात्रों की एक्स्ट्रा क्लास
विदित हो कि गत वर्ष भी पीजी के परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता को लेकर अधिकतर छात्र-छात्राएं फॉर्म भरने से वंचित हो गये थे. इसके बाद कुलपति ने छात्रहित में निर्णय लेते हुए सभी छात्र-छात्राओं को 15 दिन तक लगातार एक्स्ट्रा क्लास करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद विभागों में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक एक दिन में ही चार से पांच कक्षाएं चलाकर उपस्थित पूरी करायी गयी थी. जिसके बाद ही कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं फॉर्म भर सके थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है