Chhapra News : जहरीली हुई शहर की आबोहवा, एक्यूआइ पहुंचा 300 के पार

Chhapra News : शहर का एयर क्वालिटी 300 के सूचकांक तक पहुंच चुका है. विगत तीन दिनों में छपरा में वायु प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2024 10:17 PM

छपरा. शहर का एयर क्वालिटी 300 के सूचकांक तक पहुंच चुका है. विगत तीन दिनों में छपरा में वायु प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है. दरअसल, दिवाली बाद से एयर क्वालिटी का लेवल बढ़ गया है. यह केवल पटाखों के धुएं की वजह से ऐसा नहीं हो रहा है, बल्कि धूल मिट्टी भी इसका बड़ा कारण है. शहर के क्षतिग्रस्त सड़कों पर वाहनों से निकलने वाली धूल और वाहनों से निकलने वाले धुआं भी प्रदूषण के मेन कारण साबित हो रहे हैं. शहर में टूटी और निर्माणधीन सड़कों से उठने वाली धूल वायु प्रदूषण को खराब करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है. इसके अलावा शहर के कई इलाकों में कचरा जलाने व सड़कों पर भारी मात्रा में उड़ रही धूल से वायु की गुणवत्ता खराब हुई है. वहीं शहर से पांच किलोमीटर दूर स्थित एनएच पर भी कचरा जलाया जा रहा है. जिससे ना सिर्फ भौतिक पर्यावरण को बल्कि स्वास्थ्य को भी काफी नुकसान होता है. कचरा जलने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे जहरीले गैस निकलते हैं. जो वायु को प्रदूषित कर रहे हैं. कचरा जलने से निकलने वाले छोटे-छोटे जहरीले पदार्थ सांस के माध्यम से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं. सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण विगत एक साल में सांस से संबंधित बीमारियों के मरीज बढ़े हैं.

प्रदूषण के कारणों को नजरअंदाज करने से बढ़ी परेशानी

छपरा शहर में चल रहे निर्माण कार्य, वाहनों की संख्या में निरंतर वृद्धि, खुले में कचरा का जला दिया जाना आदि कई ऐसे कारक हैं जो यहां की वायु की गुणवत्ता को लगातार कम कर रहे हैं. उसे दूषित कर रहे हैं. गांधी चौक, भिखारी राय चौक, नगरपालिका चौक, बस स्टैंड, गुदरी बाजार जैसे क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर चल रहे वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.

मानकों के अनुकूल वाहनों का परिचालन जरूरी

जिले में अधिकतर वाहन पर्यावरण मानकों जैसे बीएस-6 के अनुकूल नहीं हैं. जिससे पूरे शहर की हवा प्रदूषित हो रही है. आंखों में जलन, अधिकतर समय बाहर रहने पर सर्दी जुकाम जैसी समस्या, सांस लेने में तकलीफ आदि कई बीमारियां अपेक्षाकृत बढ़ रही हैं. शहर में बढ़ रहे इस प्रदूषण से बच्चों व वृद्धों को अधिक खतरा है.

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