बर्निंग ट्रेन बनने से बची दरभंगा से नयी दिल्ली जा रही क्लोन स्पेशल

लोको पायलट व सीनियर एएलपी की सूझबूझ ने 108 किमी/घंटा की स्पीड से जा रही क्लोन स्पेशल ट्रेन को चैनवा स्टेशन पर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका चैनवा स्टेशन पर लगभग 35 मिनट रूकी रही क्लोन अप स्पेशल ट्रेन.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 10:07 PM
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एकमा/रसूलपुर. पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के छपरा-सिवान रेल खंड पर स्थित चैनवा रेलवे स्टेशन के समीप दरभंगा से नयी दिल्ली जा रही गाड़ी संख्या 02569 अप क्लोन स्पेशल ट्रेन के लोको पायलट व सीनियर एएलपी की सूझबूझ से द बर्निंग ट्रेन बनने से बच गई. बताया गया है कि शनिवार को दोपहर बाद दरभंगा से नयी दिल्ली जा रही गाड़ी संख्या 02569 अप क्लोन स्पेशल ट्रेन 108 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चैनवा स्टेशन के पास से गुजर रही थी. इसी बीच चैनवा स्टेशन के पश्चिमी आउटर सिग्नल के आगे स्थित रेलवे विद्युतीकरण के चैनवा में स्थापित एसएसपी एरिया में लगी आग की तेज लपटें रेलवे ट्रैक की तरफ पहुंच रही थी. चलती ट्रेन की तरफ आग की लपटें पहुंचने की स्थिति में बड़े हादसे की आशंका को भांपते हुए लोको पायलट जेके गहलोत व सीनियर एएलपी सुजीत कुमार सिंह ने इमर्जेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को चैनवा स्टेशन के पश्चिमी आउटर सिग्नल पर ही रोक दी. जिससे ट्रेन द बर्निंग ट्रेन बनने से बच गई। जिसके बाद ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरातफरी का माहौल देख ट्रेन के चालक व सीनियर सहायक चालक ने चैनवा स्टेशन मास्टर को एसएसपी एरिया में आग लगने की सूचना दी. इसके बाद मौके पर पहुंच कर रेलवे के ग्रुप डी कर्मियों, स्टेशन मास्टर, रेलकर्मियों, चालक, उप चालक, पीडब्ल्यूआई आदि ने आसपास के ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया. इस बीच फायरब्रिगेड कर्मी भी मौके पर पहुंच गए. क्लोन स्पेशल ट्रेन के सीनियर एएलपी सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेन लगभग 108 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से छपरा की तरफ से सिवान की तरफ जा रही थी. इसी बीच चैनवा स्टेशन के समीप स्थित एसएसपी एरिया में आग की तेज लपटें रेलवे ट्रैक की तरफ़ आते देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर शनिवार को 13.26 बजे चैनवा स्टेशन पर रोकी गई. वहीं आग पर काबू हो जाने के बाद लगभग 35 मिनट बाद 14.01 बजे चैनवा से सिवान स्टेशन के लिए ट्रेन को रवाना किया गया. स्पेशल ट्रेन के चालक व उप चालक ने बताया कि अगर ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर चैनवा में नहीं रोका जाता, तो ट्रेन का पावर इंजन तो आग की लपटों के बीच से शायद पार कर जाता. लेकिन आग की लपटें ट्रेन की यात्री बोगियों में पकड़ लेतीं. जिससे द बर्निंग ट्रेन बनने से बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. हालांकि इस ट्रेन को ले जा रहे चालक व उप चालक की सुझबुझ से किसी के हताहत की सूचना नहीं है. वहीं आग बुझाने में लगे रेल कर्मचारी व आसपास के ग्रामीणों सहित ट्रेन में सवार यात्रियों ने लोको पायलट जेके गहलोत व सीनियर एएलपी सुजीत कुमार सिंह की सही समय पर सूझबूझ का परिचय देकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा होने से बचाने के लिए कार्यकुशलता की काफी प्रशंसा करते हुए रेलवे प्रशासन द्वारा पुरस्कृत करने की मांग की है.न

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