23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निगम क्षेत्र की हुई कंटूर टोपोग्राफी, शहर के लोगों को मिलेगी जलजमाव से मुक्ति

छपरा नगर निगम क्षेत्र की जलनिकासी की स्थाई व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी की पहल रंग लाने लगी है. इसके लिए समेकित कार्ययोजना लगभग तैयार हो गयी है.

छपरा. छपरा नगर निगम क्षेत्र की जलनिकासी की स्थाई व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी की पहल रंग लाने लगी है. इसके लिए समेकित कार्ययोजना लगभग तैयार हो गयी है. जिलाधिकारी ने इससे जुड़े सभी संबंधित एजेंसियों और विभागों के अधिकारियों के साथ कई बैठक कर सभी संबंधित लोगों से फीडबैक ली. इसके अलावा सभी प्राप्त अमल योग्य सुझावों के साथ तकनीकी मूल्यांकन के आधार पर समेकित कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है.

कार्य योजना की तैयारी में ये रहे साथ

इस कार्य योजना में नगर निगम, जिला परिषद, बुडको, पथ प्रमंडल व रेलवे अपना अपना सहयोग दिया है. साथ ही कार्रवाई की एक्शन पॉइंट तैयार किया गया है. इस कार्य योजना में नगर निगम क्षेत्र के साथ साथ निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों को भी समाहित करते हुये एंड टू एंड आधार पर स्पष्ट रुप से योजनाओं का सूत्रण किया गया है. ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी ना हो. जानकारी हो कि नगर निगम क्षेत्र का विस्तार हो चुका है और इसमें कई अन्य ग्रामीण क्षेत्र शामिल होंगे फिर वार्डों की संख्या बढ़ेगी जो की 70 से 80 के आसपास जाएगी. ऐसे में उन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना तैयार की गयी है.

कार्य योजना पर जिलाधिकारी ने किया मंथन, दिये आदेश

शुक्रवार को जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में नगर निगम के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई. बैठक में तैयार किये गए मानचित्रों, गूगल मैप तथा स्थलीय अध्ययन के आधार पर समेकित कार्य योजना के एक एक बिंदु पर विस्तृत चर्चा की गई. पूरे छपरा शहर के कंटूर टोपोग्राफी के अनुरूप पानी के बहाव को अलग-अलग सेगमेंट में बांटा गया है. सभी मुख्य नालों के लिये टोपोग्राफी के आधार पर कैचमेंट एरिया का निर्धारण किया गया है. एक्शन प्लान में नए नालों का निर्माण, रेलवे के सहयोग से अंडरपास का निर्माण, रेलवे लाइन के समानांतर रेलवे के सहयोग से कच्चे नाले की जगह पक्का नाला का निर्माण, उपयुक्त स्थल पर स्लुईस गेट, सम्प हाउस का निर्माण आदि का प्रावधान किया गया है. तेल नदी के किनारे एक दूसरे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जमीन चिन्हित करने का निदेश अंचलाधिकारी को दिया गया.

कारी नाला व पइन से हटेगा अतिक्रमण

बग्घी नाला, सहित अन्य सरकारी नालों, पइन को प्राथमिकता से अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी सदर व अंचलाधिकारी सदर को स्पष्ट निदेश दिया गया. अंतिम रूप से तैयार कार्ययोजना के आधार पर सभी संबंधित विभागों के लिये निर्धारित एक्शन पॉइंट के लिये संबंधित विभाग के माध्यम से इसका क्रियान्वयन कराया जायेगा. बैठक में नगर आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अंचलाधिकारी सदर, सिटी मैनेजर, अमीन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

कंटूरिंग प्रक्रिया से तय की जाती है जल बहाव की दिशा

निर्माण में समोच्च शब्द का अर्थ है क्षैतिज भूमि में सभी उंचाइयों को मानचित्र में एक काल्पनिक रेखा से जोड़कर उनका पता लगाना. यह किसी भी मौजूदा भूमि के खांचे और मेड़ों को समझने और भूमि के अन्य वर्गों से उनके अंतर को समझने के लिए किया गया एक पूर्ण विस्तृत सर्वेक्षण है. इन समोच्च रेखाओं को ट्रेस करने की प्रक्रिया को ”कंटूरिंग” कहा जाता है. इस कंटूरिंग प्रक्रिया के माध्यम से जल बहाव की दिशा तय की जाती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें