अविश्वास प्रस्ताव में जीत के बाद फिर सैर-सपाटे पर निकले पार्षद

अविश्वास प्रस्ताव में पटखनी देने के बाद स्नेहा सिंह गुट के पार्षद एक बार फिर झारखंड के सैर सपाटे के लिए निकल चुके हैं. इसे पार्षदों को एक साथ रखने की कवायद बताई जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2024 8:59 PM

छपरा. अविश्वास प्रस्ताव में पटखनी देने के बाद स्नेहा सिंह गुट के पार्षद एक बार फिर झारखंड के सैर सपाटे के लिए निकल चुके हैं. इसे पार्षदों को एक साथ रखने की कवायद बताई जा रही है. हार के बाद भी जयमित्रा गुट एक बार फिर अध्यक्ष पद पाने के लिए जोर अजमाइश कर रहा है. इधर जिलाधिकारी अमन समीर ने पंचायती राज विभाग को जिला परिषद के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तिथि निर्धारण के लिए अनुशंसा पत्र भेज दिया है. जिलाधिकारी के द्वारा जिला परिषद के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए पंचायती राज विभाग को अनुशंसा पत्र भेज दिया गया है. संभावना जताई जा रही है कि सितंबर के प्रथम पखवाड़े में चुनाव की तिथि निर्धारित हो जाए. बताया तो यह भी जा रहा है कि 20 सितंबर से पहले हर हाल में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो जाएगा.

सैर सपाटे पर गए 22 पार्षद, सात छपरा में, दावा 35 का

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव में स्नेहा गुट की जीत होने के बाद उनके पार्षद एक बार फिर झारखंड की सैर सपाटे के लिए निकल गए. हालांकि बताया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनके साथ 29 पार्षद थे, इनमें से 22 ही गए हैं शेष छपरा में ही है. दावा यह भी किया जारहा है कि चुनाव के दिन सभी छपरा आ जाएंगे और 29 की जगह 35 पक्ष में होंगे. यानी और पार्षदों के साथ आने का दावा किया जा रहा है. दो और पार्षद शुक्रवार को स्नेहा गुट में शामिल हो गए या संपर्क में आने का प्रयास कर रहे थे. यानी अभी तक 31 पार्षद साथ होने का दावा किया जा रहा है. जानकारी हो की करीब तीन महीने से पार्षदों का सैर सपाटा चल रहा है. जब तक चुनाव की प्रक्रिया समाप्त नहीं हो जाती है तब तक यह चलता रहेगा.

जयमित्रा गुट ने भी जबरदस्त शुरू की तैयारी

अविश्वास प्रस्ताव में हार जाने के बावजूद पूर्व अध्यक्ष जय मित्र देवी ने अभी हार नहीं मानी है. उनकी तैयारी जारी है. पार्षदों को अपने गुट में वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास हो रहा है. इसमें शाम, दाम, दंड, भेद सभी तकनीक अपनाये जा रहे हैं. राजनीतिक धुरंधरों को भी इसमें लगाया गया है. चाहे जैसे हो सके पार्षदों का एक बार फिर समर्थन हासिल होने का प्रयास हो रहा है ताकि अध्यक्ष चुनाव के दौरान उनके पक्ष में वोट कर सके.

क्रॉस वोटिंग की खूब रही चर्चा

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जो क्रॉस वोटिंग हुई उसकी खूब चर्चा हो रही है. समर्थकों और विरोधियों का कहना है कि नीवर्तमान अध्यक्ष के साथ में 20 पार्षद सभागार में गए थे और स्नेहा सिंह के साथ 27 पार्षद गए थे. यह दो पार्षद कौन थे जो अंदर जाने के बाद जय मित्र गुट से स्नेहा गुट में चले गए और वोटिंग कर दी. अगर क्रॉस वोटिंग का यही ट्रेंड रहा तो कभी भी कुछ भी हो सकता है. अंदर ही अंदर पार्षद किसी को भी गुल खिला सकते हैं.

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