17 से 18 फीसदी परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित, पूरे दिन परीक्षा केंद्रों का दौरा करते रहे पदाधिकारी
बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा आयोजित डीसीइसीइ के पॉलिटेक्निक अभियंत्रण की परीक्षा शहर के विभिन्न 18 केंद्रों पर हुई. परीक्षा में 17 से 18 फीसदी परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे.
छपरा (सदर). बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा आयोजित डीसीइसीइ के पॉलिटेक्निक अभियंत्रण की परीक्षा शहर के विभिन्न 18 केंद्रों पर हुई. परीक्षा में 17 से 18 फीसदी परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. जानकारी के अनुसार 3,081 परीक्षार्थियों में से 540 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. डीइओ विद्यानंद ठाकुर के द्वारा जारी सूचना के अनुसार किसी भी केंद्र पर कदाचार के आरोप में किसी भी परीक्षार्थी के निष्काशन की सूचना नहीं है. गणित के कठिन प्रश्नों ने परीक्षार्थियों को उलझाया पॉलिटेक्निक अभियंत्रण परीक्षा 2.15 मिनट के थे. इस दौरान विज्ञान व गणित के प्रश्नों को हल करने में परीक्षार्थी परेशान दिखे. हालांकि गणित के कठिन प्रश्नों ने परीक्षार्थियों को ज्यादा उलझाया. पूरी परीक्षा अवधि में दूर-दराज के जिले से आये परीक्षार्थी सुबह आठ बजे से ही अपने-अपने केंद्र पर पहुंचकर परीक्षा प्रवेश के लिए कतार बद्ध होकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करते दिखे. परीक्षा केंद्र के भीतर उन्हें फुल शर्ट व जूता पहनकर जाने पर रोक थी. ऐसी स्थिति में वैसे परीक्षार्थी जो फुल शर्ट पहनकर आये थे उन्हें अपने शर्ट को खोलकर बाहर रखने तथा बनियान में ही बैठकर परीक्षा देने की मजबूरी दिखी. केंद्रों पर मजिस्ट्रेट, केंद्राधीक्षक व पुलिस पदाधिकारी पूरी टीम के साथ लगातार सघन तलाशी में जुटे हुए थे. वहीं परीक्षा कक्ष में भी परीक्षा शुरू होने से पहले भी वीक्षकों द्वारा भी तलाशी ली गयी. पूरे दिन केंद्रों पर दौरा करते दिखे पदाधिकारी पॉलिटेक्निक अभियंत्रण परीक्षा को लेकर सभी केंद्रों पर डीडीसी सदर एसडीओ के अलावें उड़नदस्तादल, गश्तीदल के पदाधिकारियों के साथ-साथ स्थायी मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी अपने-अपने केंद्रों पर कदाचारमुक्त परीक्षा के आयोजन को ले हर संभव प्रयास करते दिखे. विभिन्न केंद्रों पर पदाधिकारियों की टीम अलग-अलग समय पर पहुंचकर केंद्र की व्यवस्था को देखने के साथ-साथ केंद्राधीक्षकों को निर्देश देते दिखे गये. सभी केंद्रों पर जैमर, वीडियोग्राफर की व्यवस्था होने के साथ-साथ धारा 144 लागू होने से कदाचार की कहीं गुंजाइश नहीं दिखी.
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