छपरा. शहर में तेलपा से लेकर ब्रम्हपुर तक करीब सात किलोमीटर के बीच हर 10 कदम पर सड़क किनारे जानलेवा गड्ढे बने हुए हैं. कई जगहों पर तो विभिन्न निर्माण कार्यों के बाद बीच सड़क पर ही बड़े-बड़े गड्ढे खुले छोड़ दिये गये हैं. कई जगहों पर नालों पर स्लैब नहीं लगाया गया है. कई ऐसे तीखे मोड़ हैं. जहां पर बड़े नाले खुले हुए हैं. जहां आवागमन के दौरान दुर्घटना का खतरा बना हुआ है. शहर के गांधी चौक से मेवा लाल चौक के बीच 20 से अधिक जानलेवा गड्ढे हैं. वहीं दरोगा राय चौक से भगवान बाजार के बीच भी सड़क के दोनों ओर कई जगहों पर बड़े नाले खुले हुए हैं. थाना चौक से डाक बंगला रोड के बीच भी सड़क के नीचे से पाइपलाइन गुजरी है, लेकिन अब बरसात के बाद मुख्य सड़क पर भी कुछ जगहों पर छोटे-छोटे गड्ढे हो चुके हैं. गांधी चौक से छोटा तेलपा जाने वाली रूट में भी काफी बड़ा नाला खुला छोड़ दिया गया है. शहर से गुजरने वाले कई प्रमुख मार्ग में टूटे स्लैब, बिना ढ़क्कन वाले मैनहोल व बीच सड़क पर गड्ढे नजर आ रहे हैं.
रोज हो रही दुर्घटनाएं, लोग हो रहे जख्मी
सड़क पर छोड़े गये गड्ढे व नालों पर स्लैब नहीं लगाने के कारण आये दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं. पिछले महीने ही बस स्टैंड रोड में एक इ रिक्शा पलटने से तीन यात्री गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. वहीं शहर के गांधी चौक के पास भी बीते माह हुई बरसात के दौरान एक ही दिन में चार इ रिक्शा पलट गयी. जिसमें बैठे 10 से अधिक लोग जख्मी हो गये थे. कुछ लोगों को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गत वर्ष सांढा ओवर ब्रिज के नीचे भी एक इ रिक्शा गड्ढे में पलट गयी थी. जिसमें दबकर एक बच्ची की मौत हो गयी थी. वहीं शहर में इस समय जिस रूट में डबल डेकर का निर्माण कार्य चल रहा है. उसमें आये दिन कहीं ना कहीं दुर्घटना हो रही है. इतना ही नहीं पैदल चलने वाले राहगीरों को भी खुले नाले तथा नालों के टूटे हुए स्लैब के पास से गुजरने में डर लगता है.मेंटेनेंस पर हुआ था लाखों खर्च
शहरी क्षेत्र में मेन रोड के दोनों किनारे नाले पर स्लैब ढालकर उसपर स्टोन फिटिंग कराने के लिए कुछ वर्ष पहले लाखों रूपये खर्च किये गये थे. वहीं नगर निगम के अंतर्गत भी नालों का निर्माण व उसपर स्लैब ढालने का कार्य हुआ था. नगर निगम द्वारा नाले की सफाई के नाम पर जगह-जगह से स्लैब तोड़े जाते है और मैनहोल भी साफ कराया जाता है. निगमकर्मियों की लापरवाही से ढक्कन खुले छोड़ दिये जाते हैं. वहीं टूटे हुए स्लैब को भी बिना मरम्मती के छोड़ दिया जाता है.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
जिन जगहों पर स्लैब को तोड़कर नालों की सफाई हुई है. उसके मेंटेनेंस को लेकर निर्देश दिया गया है. वहीं निर्माण एजेंसियों ने भी जहां काम करने के बाद गड्ढे छोड़ दिये हैं. उसे भरने के लिए कहा गया है. कुछ जगहों पर हाल ही में मेंटेनेंस का कार्य पूरा भी हुआ है.सुमीत कुमार, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है