व्यवसायिक मंडियों व बस पड़ावों में दिखी विरानगी
दैनिक मजदूरों में काम नहीं कर पाने से परिवार खर्च चलाने की दिखी चिंता
छपरा (सदर). सारण संसदीय क्षेत्र में मतदान को ले सोमवार को अधिकतर व्यवसायिक मंडियों में विराणगी छायी रही. 90 फीसदी से ज्यादा बड़े एवं छोटे प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे. सड़कों पर मतदाताओं को छोड़कर बाहर से आने वाले क्रेताओं की संख्या नगण्य रही. कई सड़कों पर तो, वाहन व राहगीर नहीं होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे क्रिकेट खेलते दिखे तो कई स्थानों पर सुहाना मौसम का आनंद लेते हुए आम लोग समुह बनाकर बातचीत में चुनावी चर्चा करते दिखे.
रेलवे स्टेशन व बस स्टैंडों में भी छायी रही विरानगी
जिला मुख्यालय से मशरक, मढ़ौरा, मकेर, मांझी, बनियापुर आदि मार्गों में हर रोज चलने वाले वाहनों की संख्या भी नगण्य रही. छपरा शहर के सांढ़ा ढ़ाला बस स्टैंड के अलावें सरकारी बस डीपो, छपरा कचहरी स्टेशन, छपरा जंकशन, श्यामचक बस स्टैंड, नेहरू चौक बस स्टैँड के पास बमुश्किल पांच से 10 फीसदी वाहन ही पहुंचे. इन स्टैंडों में हर रोज यात्रियों की सुविधा के लिए सामानों की बिक्री करने वाले स्टॉल व दुकाने भी बंद रही.
दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार चलाने वाले लोगाें में मायूसी
विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आकर या शहर के विभिन्न मुहल्लों में रहकर ठेला चलाने, विभिन्न व्यवसायिक मंडियों में चढ़ाव उतार करने या दुकानों में काम करने के अलावें सड़क के किनारे दैनिक मजदूरी कर अपना परिवार चलाने वाले मजदूर वर्ग के लोगों में मायूसी दिखी. उनका कहना था कि सरकारी नौकरी वाले को तो छुट्टी भी मिलती है तथा उन्हें वेतन भी मिलता है परंतु यदि वे चुनाव के कारण एक दिन काम नहीं किए तो उन्हें अपने परिवार को दैनिक खर्च चलाने के लिए कहीं से उधार लेना ही पड़ेगा. ऐसी स्थिति में चुनाव में मतदान की खुशी से ज्यादा काम नहीं मिलने का मलाल है. इसी तरह से विभिन्न व्यवसायिक मंडियों तथा शिव महल, मीठा बाजार, मौना चौक, गांधी चौक, हथुआ मार्केट, पुरानी गुड़हट्टी, सलेमपुर आदि तमाम मुहल्लों में व्यवसायिक गतिविधियां ठप होने से सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्ग के लोगों को हुइ.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है