छपरा. खनन एवं मद्यनिषेध विभाग की कार्रवाई में जब्त वाहनों के मामले में केवल खानापूर्ति करने वाले अधिकारियों को जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है. उन्होंने दोनों विभागों के अधिकारियों की बैठक के दौरान जब्त गाड़ियों को सूचीबद्ध करते हुए एक्सेल शीट में रिकाॅर्ड रखने का निर्देश दिया. बैठक में पाया गया कि पुलिस सहित अन्य विभाग जब्त वाहनों का मैन्युअल रिकॉर्ड रखता है. उन्होंने व्यवस्था को पारदर्शी बनाते हुए इसे पूरी तरह ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है. खनन विभाग लगातार अवैध बालू ले जाने वाले वाहनों को जब्त कर रहा है, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की जाती है. जब्त वाहनों को पुलिस की हिरासत में रखा गया है. प्रक्रिया में देरी को देखते हुए यह संज्ञान में लिया गया है कि अपील, जुर्माना और पहली सुनवाई के बीच एक माह से पैंतालीस दिन का व्यतीत हो रहे हैं. इस देरी से बचने के लिए डीएम ने पुलिस सहित तीनों विभागों को जब्त वाहनों की एक्सेल फाइल ऑनलाइन साझा करने का निर्देश दिया है. एक्सेल शीट में वाहन पंजीकरण संख्या, वाहन चेसिस नंबर, जब्ती तिथि, एफआइआर संख्या और तारीख तथा माल खाना नंबर आदि दर्ज होंगे. इसके अतिरिक्त जुर्माना, रिहाई और सुनवाई आदि का उल्लेख भी किया जायेगा. खनन विभाग को इस वर्ष तक जब्त वाहनों का बकाया निपटान करने के निर्देश दिए गये हैं. मद्यनिषेध विभाग के पास 532 जब्त वाहन हैं, जो विभिन्न चरणों में प्रक्रियाधीन हैं. डीएम ने विभाग को अपील दायर करने और निर्धारित समय के भीतर मामलों का निपटारा करने के निर्देश दिये हैं. वाहनों की नीलामी प्रत्येक माह सुनिश्चित करने का स्पष्ट निर्देश भी दिया गया. बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक, अधीक्षक मद्य निषेध, जिला खनिज विकास पदाधिकारी मौजूद थे.
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