Chhapra News : मां अंबिका भवानी के दरबार में सप्तमी पर श्रद्धालुओं ने लगायी हाजिरी

Chhapra News : शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि बुधवार को प्रखंड के शक्तिपीठ स्थल मां अंबिका भवानी मंदिर आमी में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ देखी गई और हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर अपनी मुरादों के पूर्ण होने की कामना की.मंदिर के चप्पे चप्पे पर भक्तों की भीड़ दिखी और श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए बेताब दिखे.

By Prabhat Khabar News Desk | October 9, 2024 9:52 PM

दिघवारा. शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि बुधवार को प्रखंड के शक्तिपीठ स्थल मां अंबिका भवानी मंदिर आमी में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ देखी गई और हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर अपनी मुरादों के पूर्ण होने की कामना की.मंदिर के चप्पे चप्पे पर भक्तों की भीड़ दिखी और श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए बेताब दिखे. पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरा नजर आया.दोपहर बाद तक मंदिर में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा.हर श्रद्धालु मां अंबिका के भक्तिरस में सराबोर देखे गए.इससे पूर्व सप्तमी को लेकर मंदिर में अहले सुबह से भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी.सुबह 6 बजे तक मंदिर में अप्रत्याशित भीड़ दिखी.जैसे जैसे धूप की किरणें बिखरती गई वैसे वैसे मंदिर में भीड़ बढ़ती चली गई.थानाध्यक्ष रविशंकर कुमार की मौजूदगी में पुलिस की सुरक्षा के बीच सभी श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए कतारबद्ध हुए और फिर गर्भगृह के बाहर से मां अंबिका भवानी के दर्शन किए और अपनी मन्नतों के पूर्ण होने की कामना की.मंदिर के अंदर पंडित मनोज तिवारी, रवि तिवारी, गोलू तिवारी, राजा तिवारी व विशाल तिवारी सरीखे पुजारियों ने श्रद्धालुओं के प्रसाद व चुनरी को पिंड पर अर्पित किया और सबों की खुशहाली की कामना की. न्यास समिति से जुड़े रितेश तिवारी समेत अन्य पुजारियों ने भी श्रद्धालुओं को हरसंभव सहयोग दिया. निशा पूजा आज, मां अंबिका के दरबार में रात्रि श्रृंगार को देखने को उमड़ेगी भीड़ अंबिका भवानी मंदिर आमी में नवरात्र की अष्टमी तिथि को होने वाली निशा पूजा का विशेष महत्त्व है.रात्रि श्रृंगार के दौरान सबसे ज्यादे निशा पूजा में भीड़ उमड़ती है.इस दौरान मां के पिंडी रूप को फूल,आभूषण आदि चीजों से आकर्षक तरीके से सजाया जाता है.इसे देखने प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.विशेष आरती के तहत पुजारियों द्वारा मां की स्तुति की जाती है, फिर पिंड के श्रृंगार रूप को आम लोगों के दर्शन के लिए गर्भगृह को खोल दिया जाता है.

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