जिप अध्यक्ष पर विश्वास रहेगा कायम या जायेगी सत्ता, फैसला आज
आज जिला परिषद की विशेष बैठक डीएम सभागार में 11:00 बजे से होगी
छपरा. आज जिला परिषद की विशेष बैठक डीएम सभागार में 11:00 बजे से होगी. विशेष बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. फिर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन और उसके विरोध में वोटिंग करायी जाएगी. फैसला यदि जिला परिषद की वर्तमान अध्यक्ष जयमित्रा देवी के खिलाफ आता है तो नियम अनुसार नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक बार फिर तिथि तय होगी. यदि अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोटिंग होती है तो फिर वे पद पर बरकरार रहेंगी. आज की बैठक की सुरक्षा-व्यवस्था की कमान सदर एसडीओ संजय कुमार राय को दी गयी है. एसडीओ ने सभी प्रकार की सुरक्षात्मक तैयारी कर ली गई है. हावकोर्ट के आदेश पर हो रही है विशेष बैठक जानकारी हो की पटना हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को जिला परिषद की अध्यक्ष जयमित्रा देवी की याचिका को खारिज करते हुए डीएम को निर्देश दिया था कि वे उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात दिनों में तारीख तय करें. सभी निर्वाचित सदस्यों को नोटिस भेजने का भी निर्देश कोर्ट ने दिया था. कोर्ट का आदेश आते ही जिलाधिकारी ने 29 अगस्त को 11:00 बजे की तारिख निश्चित कर दी है. जिला परिषद के 17 निर्वाचित सदस्यों ने अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हेतु विशेष बैठक बुलाने के लिए चार जनवरी को अधियाचना समर्पित की थी. इसके बाद 15 जनवरी को विशेष बैठक बुलायी गयी. 47 सदस्यों में से मात्र छह सदस्य ही बैठक में उपस्थित हुए, जिससे अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हेतु विशेष बैठक की तिथि निर्धारित करने हेतु अधियाचनाकर्ताओं ने 29 मई को अध्यक्ष को नयी अधियाचना समर्पित की. अध्यक्ष ने इसके लिए 28 जून की तिथि निर्धारित की. डीडीसी को निर्देश दिया कि केवल उन्हीं छह सदस्यों को नोटिस जारी करें, जिन्होंने 15 जनवरी को बैठक में भाग लिया था. डीडीसी ने केवल उन्हीं छह सदस्यों को नोटिस जारी किया. एक सदस्य कमलेश कुमार सिंह कि शिकायत पर डीएम के निर्देश पर आदेश को वापस ले लिया गया. क्यों हाईकोर्ट गया मामला 18 जून को जिलाधिकारी ने कानून विभाग से राय मांगी. कानूनी राय प्राप्त होने पर डीएम ने डीडीसी को सभी 47 निर्वाचित सदस्यों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. 30 जुलाुई को विशेष बैठक की तारीख तय की थी. डीडीसी ने सभी 47 सदस्यों को नोटिस भेजा. जयमित्रा देवी ने इसी को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी. इस मामले में वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव एवं वरीय अधिवक्ता विन्ध्यांचल सिंह निजी प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित हुए और रिट याचिका का विरोध किया था. 17 निजी प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था. उन्होंने पटना हाईकोर्ट के एक खंडपीठ द्वारा धर्मशीला देवी व सुप्रीम कोर्ट के भानुमती के निर्णय को कोर्ट के समक्ष रखा था. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी,2024 के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान ही नहीं हुआ. अतः नये सिरे से अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने पर कोई कानूनी बाधा नहीं है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम व कुछ अन्य प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने पक्षों को प्रस्तुत किया था. आज पक्ष और विपक्ष दोनों जबरदस्त तैयारी में पहुंचेंगे अध्यक्ष का विरोध कर रहा एक पक्ष अपने साथ 34 से अधिक पार्षदों के होने का दावा कर रहा है. उनमें से 29 को छपरा से बाहर रखा गया है. शेष पांच छपरा में रहते हुए उनका समर्थन कर रहे हैं. वहीं, सत्ता पक्ष पूरी तरह से निश्चित है कि विपक्ष जितना भी हाथ-पांव मार ले, उसे फायदा नहीं होने वाला है. आज के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ ही सभी पार्षद वोट करेंगे और जयमित्रा देवी बरकरार रहेंगी. हॉर्स ट्रेडिंग का भी कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं.
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