छपरा (सदर).सारण में 20 मई को चुनावी विवाद के बाद 21 मई को गोलीबारी की घटना के बाद भड़की हिंसा में पुलिस कप्तान डॉक्टर गौरवा मंगला के लिए भारी पड़ी. गृह विभाग ने उनका तबादला मुख्यालय में पदस्थापना की प्रतीक्षा करते हुए उनके स्थान पर रेल पुलिस मुजफ्फरपुर में तैनात 2012 बैच के आइपीएस डॉ कुमार आशिष को सारण का कमान सौंपा गया है. डॉ आशिष पूर्व में मधेपुरा, किशनगंज, मोतिहारी, नालंदा आदि जिलों में भी पुलिस कप्तान का दायित्व निभा चुके है. जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से स्नातक, स्नाकोत्तर व एम.फिल करने वाले सारण के नये पुलिस कप्तान जमुई जिला निवासी बताये जाते है. इन्हें ड्रग्स, नशा एवं शराब के विरूद्व बेहतर कार्य करने के अभियान को ले मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021 में सम्मानित भी किया जा चुका है. रेल पुलिस मुजफ्फरपुर में तैनाती के दौरान इनके द्वारा रेल पुलिस पाठशाला की शुरूआत की गयी. जिसमें कचरा चुनने वाले, परित्यक्त और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की शुरूआत की गयी. जिसे मुजफ्फरपुर में दो दर्जन बच्चे जो अज्ञानता और अपराध की संभावित दुनिया में जाने से बच गये. नये पुलिस कप्तान के सारण में योगदान के बाद सारण पुलिसिंग में बेहतरी की चर्चा है. हालांकि स्थानांतरित पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव मंगला अपने कार्यकाल के दौरान कई घटनाओं यथा खोदाईबाग में बम विस्फोट, मांझी के मुबारकपुर में दो समुदायों में भड़की हिंसा के अलावे कई स्थानों पर शराब के धंधेबाजों की कारगुजारियों पर अंकुश लगाने में पुलिस को सफलता मिली थी. मालूम हो कि चुनाव के बाद भड़की हिंसा में पुलिस अधीक्षक के द्वारा पूर्व में नगर थाना के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार तिवारी को लाइन हाजिर करते हुए संजीव कुमार को आयोग के अनुमोदन के बाद नये थानाध्यक्ष बनाया गया था. वहीं सरकार इस पूरे मामले में गंभीर है. ऐसी स्थिति में एक-दो अन्य पदाधिकारियों पर भी कारवाई की तलवार लटक रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है