बाजारों व रिहायसी मुहल्लों में ड्रोन से की जा रही है निगरानी
मेन: बाजारों व रिहायसी मुहल्लों में ड्रोन से की जा रही है निगरानी अलर्ट. शहर से लेकर गांव तक सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर बरते जा रहे एहतियात लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की दिख रही जागरूकताबाहरी वाहनों के प्रवेश पर लगा दी गयी है पूर्णत: रोक नोट:फोटो नंबर 31 सीएचपी 15,16 है कैप्सन होगा-प्रधान […]
मेन: बाजारों व रिहायसी मुहल्लों में ड्रोन से की जा रही है निगरानी अलर्ट. शहर से लेकर गांव तक सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर बरते जा रहे एहतियात लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की दिख रही जागरूकताबाहरी वाहनों के प्रवेश पर लगा दी गयी है पूर्णत: रोक नोट:फोटो नंबर 31 सीएचपी 15,16 है कैप्सन होगा-प्रधान डाकघर में पसरा सन्नाटा, बाजार समिति में नहीं हो रहा कारोबार संवाददाता-छपरा. लॉकडाउन के निर्देशों का पालन कराने के प्रति प्रशासन की ओर से लगातार सख्ती बरती जा रही है. शहर के अलावा अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाजारों व रिहायसी मुहल्लों में ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है. राज्य सरकार से मिले निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने सभी सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दिये है. बाहरी वाहनों के प्रवेश पर पूर्णत: रोक लगा दी गयी है, जिनके पास अधिकृत पास या जो, आवश्यक सेवाओं से जुड़े उन्हें ही वाहनों के परिचालन की अनुमति दी जा रही है. शहरी क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक चेक प्वाइंट बनाये गये है. थाना चौक, नगरपालिका चौक, दारोगा राय चौक, श्याम चक, ब्रहमपुर पुल, भिखारी चौक, नेवाजी टोला चौक, बाजार समिति आदि सभी जगहों पर सुबह से ही पुलिसकर्मी तैनात नजर आ रहे है. ट्रैफिक इंचार्ज राजेश कुमार सिंह लगातार वाहन जांच अभियान चला रहे हैं. शहर के प्रमुख बाजारों में रोस्टर प्रणाली के तहत फल, सब्जी, किराना व दवा की दुकानें खुल रही है.
दुकानों पर आये ग्राहक धीरे-धीरे सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेंन करने के प्रति जागरूक दिख रहें है. मंगलवार को चैती छठ का अनुष्ठान समाप्त हुआ. इसके बाद अपने पड़ोसियों और परिजनों तक प्रसाद पहुंचाने के लिए भी कुछ लोग घरों से बाहर निकले थे. अधिकतर प्रसाद लेकर जल्द ही घर लौट आये. थाना चौक पर दोपहर करीब 12.30 में मुजफ्फरपुर से पैदल चलकर आये तीन युवक पुलिसकर्मियों से आपदा राहत केंद्र का पता पूछ रहे थे. थके हारे युवकों को प्रशासन की मदद से आपदा राहत केंद्र पहुंचाया गया. बताया जाता है कि डीएम सुब्रत कुमार सेन ने पूर्व में ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक सामानों की दुकानों को खोलने का समय निर्धारित कर दिया है.
इसके बाद दुकानें सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच खुल रही है. सब्जी व फल की दुकानें ज्यादातर रिहायसी इलाकों के चौराहों पर लगायी गयी है. इससे एक जगह भीड़ इकट्ठा नहीं हो रही है. वहीं घर से निकलते ही लोगों को कुछ ही दूरी पर जरूरी सामग्री उपलब्ध हो जा रही है.बच्चे कह रहें है पापा अब गांव भी लग रहा अच्छालॉकडाउन के पूर्व जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले लोग अपने परिजनों के साथ लौट आये है. अब लोगों को ग्रामीण परिवेश भी भा रहा है. कल तक महानगरों में रहने वाले लोग वापस गांव की परंपरा से जुड़ रहें है. गांव में लौटे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो कर ही रहें है. साथ ही अपने बच्चों को गांव की संस्कृति व रिवाजों से अवगत होने का अवसर भी प्रदान कर रहें है. कल तक शहरों में बड़ें-बड़े आपर्टमेंट में रहने वाले अब गांव के माहौल में खुद को ढालने लगे है. शहर में अकेलापन महसूस करने वाले बच्चों को गांव आते ही दादा-दादी व नाना-नानी का सानिध्य मिलने लगा है. वहीं बुजूर्गों द्वारा सुनायी जा रही पौराणिक व मनोरंजक कहानियां भी बच्चों का ज्ञानवर्द्धन कर रही है. बच्चें अब सहर्ष ही कह रहे है कि पापा अब गांव ही हमें अच्छा लग रहा है.