जिला परिषद के नये अध्यक्ष का चुनाव 23 सितंबर को

राज्य चुनाव आयोग ने सारण जिला परिषद के नये अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी है

By Prabhat Khabar News Desk | September 6, 2024 10:32 PM

छपरा . राज्य चुनाव आयोग ने सारण जिला परिषद के नये अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी है. आगामी 23 सितंबर को चुनाव होगा. आयोग ने आयुक्त सारण प्रमंडल और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर चुनाव की तैयारी करने का आग्रह किया है. अपने पत्र में आयोग ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद जो स्थिति बनी है, उसमें चुनाव कराना आवश्यक है. ऐसे में 23 सितंबर को चुनाव कर ली जाये. इस चुनाव के लिए 15 सितंबर से पहले सभी पार्षदों को सूचना दे दी जाये. जानकारी हो कि बीते 29 अगस्त को निवर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष जयमित्रा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया था. उनके पक्ष में मात्र 18 वोट पड़े थे. जबकि उनके विपक्ष में 29 वोट पड़े थे. इसके बाद से उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा था. सारण जिला परिषद के 17 निर्वाचित सदस्यों ने अध्यक्ष जयमित्रा देवी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हेतु विशेष बैठक बुलाने के लिए दिनांक 04 जनवरी 2024 को अधियाचना समर्पित की थी. इसकी तिथि 15 जनवरी निर्धारित की गयी. 15 जनवरी को विशेष बैठक बुलाई गयी. 47 सदस्यों में से मात्र छह सदस्य बैठक में उपस्थित हुए. इससे बढ़ गयी और परेशानी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हेतु विशेष बैठक की तिथि निर्धारित करने हेतु अधियाचनाकर्ताओं द्वारा दिनांक 29 मई 2024 को अध्यक्ष को नया अधियाचना समर्पित किया गया. अध्यक्ष ने दिनांक 28 जून 2024 को तिथि निर्धारित की. डीडीसी,सारण को निर्देश दिया कि केवल उन्हीं छह सदस्यों को नोटिस जारी करें, जिन्होंने 15 जनवरी 2024 को बैठक में भाग लिया था. डीडीसी ने केवल उन्हीं छह सदस्यों को नोटिस जारी किया. एक सदस्य कमलेश कुमार सिंह की शिकायत पर डीएम के निर्देश पर 06. जून 2020 को इस आदेश को वापस ले लिया गया. कोर्ट में रखा गया था यह पक्ष 17 निजी प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था. उन्होंने पटना हाइकोर्ट के एक खंडपीठ द्वारा धर्मशीला देवी व सुप्रीम कोर्ट के भानुमती के निर्णय को कोर्ट के समक्ष रखा था. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी 2024 के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान ही नहीं हुआ. अतः नये सिरे अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने पर कोई कानूनी बाधा नहीं है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम व कुछ अन्य प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी ने पक्षों को प्रस्तुत किया था.

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