बायोमेट्रिक जांच कराने नहीं पहुंचे 1100 शिक्षक, 86 सौ में से 7500 की हुई जांच छपरा. राज्य सरकार 2003 से 2015 के बीच हुई शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया में गड़बड़ी का पता लगाने के लिए कई तरीके अपना रही है. उसमें एक तरीका सक्षमता परीक्षा भी है. इस परीक्षा के माध्यम से फर्जी शिक्षकों के तमाम कागजात सामने लाया जा रहा है. अभी तक दो बार बायोमेट्रिक जांच हो चुकी है और मनचाही पोस्टिंग के पहले शिक्षकों की एक बार और जांच होगी और काउंसेलिंग भी होगी. इसके लिए नियोजित शिक्षकों को तैयार रहना होगा. डीआरसीसी कार्यालय में 29 मार्च को दूसरे चरण की बायोमेट्रिक जांच की प्रक्रिया संपन्न करायी गयी. 8600 की जगह 7500 ने करायी जांच सक्षमता परीक्षा में सारण जिले से 8600 शिक्षक शामिल हुए थे. सभी का मूल एडमिट कार्ड जमा करते हुए एक बार फिर बायोमेट्रिक और आइ टेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो की आठ मार्च से शुरू हुई थी और 29 मार्च को संपन्न हो गयी. लेकिन, आश्चर्यजनक बात यह है कि लगभग 1100 शिक्षक अनुपस्थित पाये गये. यानी जांच कराने लगभग 7500 शिक्षक ही पहुंचे हैं. ऐसे में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. लेकिन अधिकारियों की माने, तो अनुपस्थिति का सबसे बड़ा कारण बड़ी संख्या में शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए दूसरे जिले में भेज दिया गया है. कुछ लोग चुनाव कार्य में लगे हुए हैं. कुछ परीक्षा में शामिल होने गये हैं. ऐसे में जितने शिक्षक सक्षमता परीक्षा में शामिल हुए थे, वह सभी दूसरी जांच में भी आ जायेंगे. क्या था समिति का आदेश बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सक्षमता परीक्षा दे चुके नियोजित शिक्षकों को री-वेरिफिकेशन का आदेश दिया था. दरअसल, राज्य कर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा में शामिल हुए थे. शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक परीक्षा दे चुके नियोजित शिक्षकों को परीक्षा का प्रवेशपत्र के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर बायोमेट्रिक और थंब इंप्रेशन का मिलान कराने का आदेश था. इस संबंध में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेज कर निर्देशित किया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पत्र में अभी निर्देशित किया है कि परीक्षा दे चुके शिक्षकों का थंब इंप्रेशन मिलान होगा. विद्यालय आवंटन से पहले एक और जांच समिति के अधिकारियों के अनुसार जो शिक्षक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे, उनका विद्यालय आवंटन से पहले काउंसेलिंग होगी. उस दौरान भी उनके प्रमाणपत्रों की जांच करने के साथ-साथ उनके थंब इंप्रेशन और अन्य बायोमेट्रिक का मिलान किया जायेगा. इस पूरी प्रक्रिया में परीक्षा से लेकर ज्वाइनिंग तक तीन बार शिक्षकों का थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक का मिलान होगा. क्या कहते हैं अधिकारी थंब इंप्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. शुक्रवार को अंतिम मौका था. जो अनुपस्थित हैं, उनके लिए राज्य मुख्यालय जो भी आदेश जारी करेगा उसका पालन किया जायेगा. दिलीप कुमार सिंह, डीइओ, सारण
पोस्टिंग के पहले नियोजित शिक्षकों को एक और जांच से गुजरनी पड़ेगी
Employed teachers will have to undergo another check before posting
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