छपरा. नया साल 2025 नगर निगम के लिए कुछ ठीक-ठाक नहीं लग रहा है. साल के पहले महीने में विवाद शुरू हो गया और दूसरे महीने एफआइआर-एफआइआर का खेल शुरू हो चुका है. विवाद की शुरुआत नगर निगम के महापौर प्रतिनिधि अमित कुमार गुप्ता से शुरू हुई. उन्होंने म्यूटेशन से संबंधित कोई कार्य करने के लिए निगम की महिला कर्मी को कहा, तो मामला गाली-गलौज और दुर्व्यवहार में बदल गया. लगे हाथ महिलाकर्मी रोशनी कुमारी ने महापौर प्रतिनिधि पर नगर थाने में कांड संख्या 33 /25 के तहत प्राथमीकी दर्ज करा दी. फिर अपने बचाव में महापौर प्रतिनिधि ने भी महिलाकर्मी पर उसी थाने में 34/25 मुकदमा ठोक दिया. नगर थाना के पुलिस निगम में पहुंचकर पूछताछ भी शुरू कर दी है.
महिलाकर्मी ने कहा-महापौर के प्रतिनिधि अमित कुमार ने दिया जान से मारने की धमकी
महिलाकर्मी रोशनी कुमारी ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि छपरा नगर निगम कार्यालय में मानदेय पर वर्ष 2013 से कार्यरत हूं और सरकारी कार्यों का निष्पादन करती आ रही हू. 30 जनवरी को दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच में कार्यालय कक्ष में अपना दैनिक कार्य का निष्पादन कर रही थी. इसी दौरान अमित कुमार नाम के व्यक्ति जो छपरा नगर निगम के महापौर के प्रतिनिधि हैं और एक अन्य व्यक्ति के साथ कार्यालय कक्ष में आकर अपने परिचित व्यक्ति का होल्डिग निर्धारण कार्य करने के लिए कहा गया. उनको बताया गया कि संबंधित व्यक्ति का संचिका निष्पादन के प्रक्रियाधीन है एवं संबंधित संचिका का जॉचोपरांत होल्डिग निर्धारण करा दिया जाएगा. इस बात पर अमित कुमार के द्वारा बिना जांच के और तुरंत कार्य करने का दबाव बनाया जाने लगा. विरोध करने पर अमित कुमार के द्वारा गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दिया गया. अमित कुमार के द्वारा किया गया बंर्ताव कार्यालय के सीसीटीवी में भी देखा जा सकता है. यह भी धमकी दिया गया कि मेरे अनुसार कार्य नहीं करने पर बोर्ड की बैठक में किसी पार्षद से प्रताव लेकर व पारित कराकर नौकरी से हटा देगें. इनके द्वारा पूर्व में भी कई बार इस तरह का कृत किया गया है. मुझे अपने जान एवं नौकरी को अमित कुमार से खतरा है. मेरे साथ किसी भी समय कोई अनहोनी हो सकती है. जिससे मैं काफी परेशान हूं.
महिलाकर्मी गाली-गलौज के साथ करने लगी थी मारपीट
दूसरी प्राथमिकी महापौर प्रतिनिधि अमित कुमार गुप्ता ने दर्ज करायी है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि वह आम दिनों की तरह लोगों की समस्याओं को लेकर केवल पूछताछ करने के लिए गए थे. केवल इतना ही पूछा की जो आवेदक मेरे साथ आए हैं उनका अभी तक म्यूटेशन क्यों नहीं हुआ है बस इतने पर महिलाकर्मी अपने कुछ आसामाजिक तत्वों जो कि निगम के कर्मी भी नहीं है के साथ मारपीट पर उतारू हो गयी. गाली गलौज करने लगी. उन्होंने अभद्रता की हद कर दी. उनके साथ जो भी लोग थे वह सभी नगर निगम को लाखों रुपये का राजस्व का चूना लगाने वाले थे जिनसे मिलकर वह रहती है.
महापौर के खिलाफ सचिव को लिखा पत्र
महापौर के द्वारा मानदेय और दैनिक कर्मियों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगे जाने के बाद पूरे नगर निगम में उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कर्मियों ने राज्य के प्रधान सचिव, नगर विकास व आवास, श्रम संसाधन विभाग, राष्ट्रीय अध्यक्ष , मानवाधिकार आयोग, नयी दिल्ली, बिहार मानवाधिकार आयोग, आयुक्त, सारण, प्रमडंल, जिला पदाधिकारी सारण, छपरा, पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त , छपरा नगर निगम आदि को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है .क्या कहते हैं महापौर
जब से मेरे द्वारा दैनिक और मानदेय कर्मियों से संबंधित कुछ जानकारी नगर आयुक्त से मांगी गयी है तब से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. कभी प्राथमिकी, तो कभी प्रताड़ित करने के आरोप लगाये जा रहे हैं. सभी आरोप झूठे हैं. जो गलत है वह नहीं बचेंगे, कार्रवाई होगी.लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगमछपरा
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