पानापुर . नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश एवं नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में भारी मात्रा में छोड़े गए पानी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. पिछले तीन दिनों से गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण गंडक का पानी सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर, सोनवर्षा, बसहिया, भोरहा, रामपुररुद्र 161 आदि गांवों में स्थित सैकड़ों घरो के समीप पहुंच गया है. नवरात्र की तैयारी में जुटे सैकड़ों परिवार असमय आयी बाढ़ के कारण विस्थापन की जिंदगी जीने को मजबूर है. किसान अपने मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर है. बाढ़ के कारण निचले इलाकों में लगी धान ,मक्के एवं सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गयी है वही पशुपालकों के समक्ष चारे की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बाढ़ का पानी सारण तटबंध से पानापुर प्रखंड के रामपुररुद्र एवं तरैया प्रखंड के सगुनी गांव को जोड़नेवाली मुख्य सड़क के ऊपर से बहने लगा है, जिससे इन गांवों के सैकड़ों परिवारों का सड़क संपर्क टूटने की कगार पर है. वहीं, कोंध मथुराधाम स्थित शिवमंदिर पानी मे डूब गया है .इस बीच जल संसाधन विभाग के कर्मी, अंचलकर्मी एवं चौकीदारों द्वारा सारण तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है. जल संसाधन विभाग के एसडीओ कमलेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की सुबह तक गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहेगी. इसलिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि सारण तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है एवं तटबंध के प्रत्येक सौ मीटर की दूरी पर कर्मियों की तैनाती कर नजर रखी जा रही है
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