दिघवारा : बाढ़ के पानी के फैलाव के बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी. वहीं कामकाज पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा है. कई जगहों पर बाढ़ के पानी के प्रवेश कर जाने से कार्यों की रफ्तार रुक गयी. हाजीपुर-छपरा के मध्य फोरलेन निर्माण में लगी मधुकॉन कंपनी के कामकाज पर बाढ़ के पानी ने खासा असर डाला है और कार्यों की गति पर बाढ़ के पानी ने ब्रेक लगा दिया है.
दिघवारा व नयागांव के मधुकॉन बेस कैंप में बाढ़ के पानी के प्रवेश कर जाने से कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गयी और स्थिति यह है कि इन दोनों कैंपों में काम करने वाले कर्मचारी सुरक्षित स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं. वहीं इन दोनों कैंपों में कई जगहों पर जलमग्नता की स्थिति है. दिघवारा के बेसकैंप में चारों ओर से पानी प्रवेश कर गया और मुख्य द्वार के पास ही भारी मात्रा में पानी जमा हुआ है. वहीं नयागांव बेस कैंप में भी कर्मियों को नाव के सहारे जाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में निर्माण कार्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है और कर्मी बाढ़ के पानी के निरंतर घटने की उम्मीद में बैठे हैं.
दरियापुर-नयागांव मार्ग के मध्य टेंट लगाकर जिंदगी गुजार रहे हैं बाढ़पीड़ित :दरियापुर से रेल पहिया कारखाना जाते हुए नयागांव जाने वाली सड़क पर टेंट लगाकर बड़ी संख्या में बाढ़पीड़ित आसरा लिए हुए हैं. टेंटों के बीच बाढ़पीड़ितों के अलावा मवेशियों का भी ठिकाना बना हुआ है. बाढ़पीड़ितों का कहना है कि वे लोग कुरैया पंचायत के निजामचक के निवासी हैं और बाढ़ की इस स्थिति के बीच जिंदगी बचाने के लिए सड़क किनारे आसरा लिए हुए हैं.
ऐसे लोग प्रशासन से सहयोग की उम्मीद के बीच अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. ऐसे लोगों में प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी है. वहीं नयागांव के सामने चंवर का इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया है. चिलावे व अन्य जगहों के लोग नाव के सहारे नयागांव पहुंचकर अपने दैनिक सामानों की खरीदारी करने के बाद अपने घर वापस लौट जा रहे हैं.