दिघवारा. लोक आस्था का महापर्व छठ पांच नवंबर से शुरू होगा और इस बार छठ को लेकर व्रती व श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन नगर पंचायत के गंगा घाटों तक पहुंचने के लिए इस बार श्रद्धालुओं को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी. क्योंकि गंगा घाटों तक पहुंचने के लिए डगर आसान नहीं है. रास्ता खराब होने से कई घाटों तक चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में व्रती महिलाओं के अलावे बुजुर्ग व बीमार श्रद्धालुओं को गंगा घाटों तक पहुंचने में परेशानी होगी. हालांकि नगर प्रशासन का दावा है कि अभी छठ में वक्त है, ऐसे में छठ शुरू होने के पहले तक गंगा घाटों तक पहुंचने के रास्ते व गंगा घाटों को ठीक कर लिया जाएगा, ताकि व्रतियों और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो.
बाढ़ आने से कई गंगा घाटों तक पहुंचने के रास्तों पर जमा है पानी
सितंबर माह में गंगा के जलस्तर में अचानक हुई बढ़ोतरी के बाद आई बाढ़ के चलते नगर के विभिन्न गंगा घाटों की स्थिति खतरनाक बन गई है. कई जगहों पर मिट्टी के कटाव के चलते रास्ता आने जाने के लिए खतरनाक बन गया है. इन कटाव को भरने के लिए भारी मात्रा में मिट्टी व बालू की जरूरत पड़ेगी तो रास्ता को आवागमन के लायक बनाने में लंबा वक्त लगेगा. कई जगहों पर गंगा की धारा तक पहुंचने के रास्तों में जलजमाव व कीचड़ जमा है जिसके बीच से गुजरने में श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती है.ऐसे जगहों पर वाहनों का पहुंचना नामुमकिन सा लगता है.बगही के सामने अभी भी जमा है बाढ़ का पानी, व्रतियों की बढ़ेगी परेशानी
नगर के बगही गांव के सामने बाढ़ का पानी अभी भी गंगा घाट जाने के रास्ते में भारी मात्रा में जमा है. इस पानी के जल्द सूखने की उम्मीद भी कम है. ऐसे में देखना होगा कि सैदपुर व बगही के श्रद्धालु इस बार किस घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य एवं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दे पाते हैं? अनंतमिर्जापुर, चकनूर के सामने लोगों के सामूहिक प्रयास के द्वारा घाट बनाए जाएंगे तो नगर प्रशासन भी इन घाटों को बेहतर करने की हरसंभव कोशिश करेगा. राईपट्टी, शंकरपुर रोड, नकटी देवी रोड, पूर्वी रेलवे ढाला घाट जहां आधा दर्जन से अधिक वार्डों के श्रद्धालु पूजा करने जाते हैं उन घाटों तक पहुंचने के रास्तों में काफी कटाव है. कहीं जलजमाव तो कहीं कीचड़ वाली स्थिति है. यहां पर श्रद्धालुओं के लिए गंगा की मुख्य धारा तक पहुंचना संभव नहीं दिख रहा है. बसतपुर, बरबन्ना आदि जगहों पर भी इस बार गंगा घाटों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं की डगर आसान नहीं होगी. नगर प्रशासन को समय पूर्व ही तैयारियों को अंतिम रूप देना होगा तब जाकर नगर प्रशासन व्रती और श्रद्धालुओं की उम्मीदों पर खड़ा उतर सकेगा.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
नगर पंचायत अधीन कई गंगा घाटों तक पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया हूं. बाढ़ के चलते कई घाटों की स्थिति खतरनाक बनी हुई है. नगर पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर गंगा घाटों के अलावे आने जाने के रास्ते को दुरुस्त करने की हरसंभव कोशिश की जाएगी. नगर प्रशासन व्रतियों व श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करेगा.रौशन कुमारकार्यपालक पदाधिकारीनगर पंचायत,दिघवारा
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