छपरा. अगर आप अपने बच्चों में शैक्षणिक विकास, खेल, विज्ञान के साथ-साथ कला की गतिविधि में निपूर्ण करना चाहते हैं, तो सरकार के बाल किलकारी योजना का लाभ भी ले सकते है. योजना के अंतर्गत बच्चे निशुल्क मंग न केवल खेल विज्ञान व कला की गतिविधि में निपुण हो रहे हैं बल्कि उन्हें आगे भी इसमें करियर बनाने में मदद मिलने वाली है. सरकारी कार्यक्रम हो या महोत्सव सभी में बच्चों की भागीदारी हो रही है. शायद यही कारण है कि किलकारी बल भवन के प्रति छात्र-छात्राओं में झुकाव बढ़ रहा है और यहां तेजी से नामांकन हो रहे हैं.
अभी तक 316 बच्चों ने कराया नामांकन
सारण प्रमंडल किलकारी बाल भवन की सीपीसी मीरा कुमारी के अनुसार 2024 _25 सत्र में अभी तक 316 बच्चों ने नामांकन कर लिया है जबकि पिछले साल 2023 _24 सत्र में 554 बच्चों ने नामांकन कराया था. इतनी बड़ी संख्या में नामांकन का सबसे बड़ा कारण बच्चों को बच्चों वाला माहौल और परंपरा से जुड़ी माहौल का मिलना है.
पढ़ाई के साथ-साथ इन विधाओं में भी दी जाती है ट्रेनिंग
संस्था में नामांकित बच्चे या बच्चियां विद्यालय अवधि पश्चात संचालित गतिविधियों में भाग लेते है. किलकारी द्वारा विविध गतिविधियों मसलन चित्रकला, हस्तकला, नृत्य, नाटक, गायन, वादन, कराटे आदि का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अलावा पुस्तकालय की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके फलस्वरूप बच्चों के बौद्धिक क्षमता के साथ रचनात्मक क्षमता का विकास होता है.सारण प्रमंडल में 2023 से किलकारी बिहार बाल भवन की शाखा संचालित हैं. “किलकारी” मुख्यतः बच्चों को कला, विज्ञान, खेल एवं व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षित करती है. इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है- बच्चों में विषय का ज्ञान, नया नजरिया एवं प्रभावशाली अभिव्यक्ति का विकास. वहीं इसका उद्देश्य बच्चों को सुनना, समझना एवं उनके विचारों का सम्मान करना.उन्हें अपनी क्षमताओं को पहचानने एवं प्रदर्शित करने का अवसर उपलब्ध करना.सृजनात्मकता का विकास करना,आत्मविश्वास एवं नेतृत्व क्षमता का विकास करना,व्यवहारिक ज्ञान एवं मानवीय मूल्यों का बीजारोपण करना.क्राउन ऑफ किलकारी
यह सम्मान हर माह किलकारी के बच्चों को दिया जाता है.दरअसल यह सम्मान एक जरिया है- बच्चों के मन में कुछ अच्छी बातों के लिए जगह बनाई जा सकें, जैसे सहयोग, नियमितता, सृजनशीलता, जिम्मेदारी एवं सक्रियता ये सारी बातें बच्चों को आगे बढ़ने एवं एक अच्छा इंसान बनने में मददगार साबित हो सकती है इन्ही पाँच बातों के आधार पर बच्चे ”क्राउन ऑफ किलकारी” के लिए चुने जाते है. यह सम्मान हर माह बच्चों की बैठक में दी जाती है.संचालित गतिविधियां या प्रशिक्षण
लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, नाटक, चित्रकला, हस्तकला, तबला, बैडमिन्टन करांटे, कबड्डी, कुश्ती, वॉलीबॉल, फुटवॉल, खो-खो, मूर्तिकला कंप्यूर, कैरम, सृजनात्मक लेखन एवं विज्ञान के प्रयोग, क्विज विशेष व्यक्ति से मुलाकात, अखबार, चौपाल पर कहानी, बाल दिवस, विज्ञान मेला एंव समर कैंप , गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस, विज्ञान दिवस, मदर्स डे, पतंगबाजी, होली, मिलन, ईद मिलन, सावन महोत्सव, नवरात्री एवं क्रिसमरा आयोजनक्या कहती है पदाधिकारी
किलकारी बाल भवन के प्रति छात्र और छात्राओं में रुझान बढ़ रहा है. शायद यही कारण है कि तेजी से नामांकन हो रहा है. यहां बच्चे या बच्चियों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य रोचक गतिविधियों की भी जानकारी दी जाती है. बच्चियों में कुश्ती और कबड्डी जैसे खेलों में काफी रुचि देखी जा रही है.मीरा कुमारी, प्रभारी प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक
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