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छपरा : ड्रग स्टोर में उपलब्ध दवाएं ही लिखें सरकारी डॉक्टर, वरना होगी कार्रवाई : डीएम

जिलाधिकारी अमन समीर ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की मैराथन समीक्षा बैठक की. करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में जिलाधिकारी ने सरकारी चिकित्सकों को हिदायत देते हुए कहा कि डॉक्टर वही दवाएं प्रेसक्राइब करें, जो सरकारी ड्रग स्टोर में उपलब्ध हो. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिशा निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. थोड़ी-सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है.

छपरा. जिलाधिकारी अमन समीर ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की मैराथन समीक्षा बैठक की. करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में जिलाधिकारी ने सरकारी चिकित्सकों को हिदायत देते हुए कहा कि डॉक्टर वही दवाएं प्रेसक्राइब करें, जो सरकारी ड्रग स्टोर में उपलब्ध हो. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिशा निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. थोड़ी-सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है. जुलाई में 4810 संस्थागत प्रसव, घरों में प्रसव का होगा सत्यापन : गर्भवती महिलाओं के केएएनसी एवं प्रसव से संबंधित समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई की जुलाई माह में जिला में कुल 4810 प्रसव के मामले दर्ज किये गए. इनमें से सदर अस्पताल में 292, अनुमंडलीय अस्पतालों में 229, पीएचसी और सीएचसी में 3070 प्रसव कराये गये. निजी अस्पतालों में 354 मामले दर्ज किये गये. घरों में प्रसव के भी कुछ मामले दर्ज किये गये. जिलाधिकारी ने घरों में प्रसव के सभी मामलों का सत्यापन कराने का निदेश दिया. उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं सीडीपीओ प्रत्येक माह नियमित रूप से बैठक कर गर्भवती महिलाओं के एएनसी एवं प्रसव की नियमित रूप से समीक्षा करें. 85 आशा दीदियों की होगी बहाली : लक्ष्य के अनुरूप 85 आशा की रिक्ति बताई गई जिसे एक महीने के अंदर चयनित करने का निदेश दिया गया. इसके लिए सभी निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करने का आदेश दिया गया और कहा गया कि हर हाल में इस पद को भरा जाये. परिवार नियोजन के उद्देश्य से नसबंदी एवं बंध्याकरण के लिए आशा के माध्यम से पुरुषों एवं महिलाओं को मोबलाइज करें. सरकारी ड्रग स्टोर में 344 तरह की दवाएं उपलब्ध : अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता के संदर्भ में बताया गया कि सदर अस्पताल में कुल 344 तरह की दवाइयां तथा पीएचसी में लगभग 240 तरह की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए. इन सभी दवाइयों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित रखने के लिएं सभी अस्पतालों से निर्धारित समय पर ऑनलाइन मांग सुनिश्चित की जानी चाहिए. यह मांग त्रैमासिक रूप से अगले त्रैमास के लिए एडवांस में की जाती है. दवाओं की निरंतर उपलब्धता की जिम्मेदारी संबंधित प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की होगी. उन्हें उपलब्ध स्टॉक एवं आवश्यकताओं का आकलन कर ससमय मांग करनी होगी. जिलाधिकारी ने कहा कि इलाज करने वाले चिकित्सक ड्रग स्टोर में उपलब्ध दवाओं या जेनेरिक दवाओं को ही प्रेस्क्राइब करें. इसकी प्रत्येक सप्ताह जाँच कराई जायेगी. जांच में अगर पाया गया कि स्टोर में उपलब्ध दवाओं की जगह उसी कंपोजीशन की अन्य दवाओं को बाजार से क्रय करने के लिए प्रेस्क्राइब किया गया है, तो संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. वेलनेस सेंटर का एक सप्ताह के अंदर होगा सर्वे : जिला के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (सीएचसी) के एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए सात दिनों के अंदर सभी सेंटर का बेसलाइन सर्वे विशेषज्ञ टीम के माध्यम से सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में पार्टनर संस्थाओं के अपेक्षित दायित्व को स्पष्टता से उल्लेखित कर उनके कार्यों की भी नियमित रूप से समीक्षा करें. कौन-सी बीमारी का इलाज यहां नहीं, इसकी दें जानकारी : आयुष्मान भारत के तहत विभिन्न निजी अस्पतालों को भी इमपैनल किया गया है. विशेषज्ञ चिकित्सीय सुविधा के लिए सभी सूचिबद्ध अस्पतालों की समीक्षा कर किस बीमारी के विशेषज्ञ इलाज के लिए कोई भी अस्पताल सूचिबद्ध नहीं है, इस गैप को चिह्नित करें. ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए सक्षम एवं योग्य निजी अस्पतालों को भी सूचिबद्ध करने के लिए कार्रवाई की जायेगी. डेंगू से बचाव के लिए तैयार रहने का दिया निर्देश : डेंगू के संदर्भ में जिला मलेरिया पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अगस्त माह के अंतिम सप्ताह से सितंबर एवं अक्तूबर माह तक इसका संभावित चरम समय पर होता है. इसके लिए सभी नगर निकायों के माध्यम से निरंतर फॉगिंग करायी जायेगी. चिह्नित हॉट स्पॉट पर विशेष रूप से फोकस करने को कहा गया. जिले में 87 फीसदी हुआ टीकाकरण : संपूर्ण टीकाकरण के तहत अप्रैल-जून त्रैमास में जिले में लगभग 87 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गयी है. इस संदर्भ में आगामी 15 दिनों में आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से सर्वे कराने को कहा गया. इसके लिए सभी सीडीपीओ महिला पर्यवेक्षिकाओं के साथ बैठक कर इस आशय की जानकारी देंगी तथा इस कार्य की मॉनीटरिंग करेंगी. सभी एमओआइसी आरआइ की नियमित समीक्षा करें तथा कमियों को चिह्नित कर उसे दूर करने के लिए लक्षित पद्धति से काम करें. बैठक में उपविकास आयुक्त, जिला मलेरिया पदाधिकारी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सभी एमओआइसी, सीडीपीओ, बीएचएम सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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