छपरा. राज भवन व राज्य सरकार ने कुछ माह पूर्व ही एक बैठक कर विश्वविद्यालय को स्नातक व पीजी के सत्रों को नियमित करने का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन उसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. स्नातक सत्र 2023-27 जिसमें सीबीसीएस सिलेबस लागू किया गया था. वह सत्र भी निर्धारित एकेडमिक कैलेंडर से काफी पीछे चला गया है. बता दें कि पिछले साल ही राज भवन के निर्देश पर सत्र 2023-27 का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया गया था. जिसके अनुसार जुलाई-अगस्त 2024 के आसपास इस सत्र में थर्ड सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू कर देनी थी. लेकिन विश्वविद्यालय अभी फर्स्ट सेमेस्टर में ही अटका है. गौरतलब हो कि पिछले महीने ही इस सत्र के फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा ली गयी है. जिसका परिणाम अब तक जारी ही नहीं हुआ है. ऐसे में दो सेमेस्टर पीछे हो जाने से विश्वविद्यालय को इस सत्र को मेंटेन कर पाना काफी मुश्किल होगा. वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा फिलहाल सत्र को अपडेट करने को लेकर कोई जागरूकता नहीं दिख रही है.
ये है स्नातक सत्र 2023-27 का एकेडमिक कैलेंडर
राज भवन के निर्देश पर विश्वविद्यालय ने सत्र 2023-27 का एकेडमिक कैलेंडर गत वर्ष ही जारी किया था. फर्स्ट सेमेस्टर को दिसंबर 2023 में पूरा कर लेना है. जिसके बाद सेकेंड सेमेस्टर में दो से सात जनवरी 2024 के बीच नामांकन व पंजीयन से संबंधित कार्य पूरा कर लेना है. वहीं 10 जनवरी से सेकेंड सेमेस्टर की कक्षाएं प्रारंभ हो करनी थी. 15 से 25 फरवरी तक सेकंड सेमेस्टर का मिड सेमेस्टर टेस्ट आयोजित करना था. 30 अप्रैल तक सेकेंड सेमेस्टर का वर्ग संचालन समाप्त करते हुए सिलेबस पूरा कर लेना था. सेकेंड सेमेस्टर का एडमिट कार्ड मई के प्रथम सप्ताह तक जारी करने का लक्ष्य रखा गया था. सेकंड सेमेस्टर के लिए सैद्धांतिक विषयों की परीक्षा 19 मई तक पूरी करनी थी. प्रायोगिक परीक्षा 20 से 25 मई तक ली जानी थी. सेकंड सेमेस्टर के लिए 9 जून तक परीक्षा परिणाम भी प्रकाशित कर देना था. जिसके बाद जुलाई-अगस्त के बीच थर्ड सेमेस्टर की कक्षा शुरू करनी थी.चार साल में कुल आठ सेमेस्टर करना है पूरा
विदित हो कि जेपीयू में स्नातक का सत्र हर साल जुलाई महीने से शुरू होता है. पहले स्नातक तीन वर्ष का होता था. लेकिन पिछले साल सत्र 2023 से स्नातक में चार वर्षीय सीबीसीएस पाठ्यक्रम लागू किया गया है. जिसमें कुल आठ सेमेस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण करनी है. हर सेमेस्टर को पूरा करने के लिए छह माह की अवधि निर्धारित की गयी है. इसी छह माह में नामांकन, परीक्षा व परिणाम जारी कर देना है. विश्वविद्यालय में स्नातक सत्र 2020, 2021 व सत्र 2022 भी निर्धारित समय से काफी पीछे चल रहा है. अभी तक स्नातक सत्र 2020 के फाइनल इयर की परीक्षा नहीं ली गयी है. सत्र 2021 व 2022 भी एक से डेढ़ वर्ष पीछे चल रहा है.पंजीयन में देरी होने से पिछड़ा सत्र
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष स्नातक में नामांकित छात्रों के पंजीयन की प्रक्रिया में चार से पांच माह की देरी हो गयी. क्योंकि पंजीयन का काम यूएमआइएस एजेंसी के पास था. लेकिन वर्ष 2023 के नवंबर माह में ही एजेंसी ने काम बंद कर दिया. जिस कारण पंजीयन निर्धारित समय पर नहीं हो सका. ऐसे में फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा में काफी विलंब हो गया. लेकिन अब विश्वविद्यालय ने पंजीयन तैयार करने के लिए अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है. जिसके बाद अब सभी परीक्षाएं निर्धारित समय पर होंगी.लंबित सत्रों को नियमित करने के लिए शुरू कर दिया गया है प्रयास
स्नातक व पीजी के सभी लंबित सत्रों को नियमित करने के लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है. आने वाले तीन-चार महीनों में लगातार परीक्षाएं होंगी. अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक कई लंबित सत्र नियमित हो जायेंगे. प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई, कुलपति, जेपीयूडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है