Chhapra News : जलजमाव पर ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने दिखायी सख्ती, छह सप्ताह में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी

chhapra news : जिला प्रशासन और नगर प्रशासन के लिए प्रभुनाथ नगर समेत अन्य इलाकों में जलजमाव का मामला मुसीबत बनता जा रहा है. मामला कोर्ट तक पहुंच गया है

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2024 10:29 PM

छपरा. जिला प्रशासन और नगर प्रशासन के लिए प्रभुनाथ नगर समेत अन्य इलाकों में जलजमाव का मामला मुसीबत बनता जा रहा है. मामला कोर्ट तक पहुंच गया है और अब जिला प्रशासन और नगर प्रशासन को छह सप्ताह के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट के साथ एफिडेविट भी दायर करना है. यदि ऐसा नहीं किया गया तो नगर प्रशासन को लेने के देने पड़ सकते हैं.

क्या है पूरा मामला

वेटरंस फोरम द्वारा प्रभुनाथ नगर छपरा में जलजमाव को लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट में वाद दायर किया गया था. जिसकी सुनवाई 18 सितंबर को हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद ग्रीन ट्रिब्यूनल की पूर्वी क्षेत्र कोलकाता बेंच ने प्रतिवादी राज्य को आदेशित किया है कि वह एक माह के अंदर शिकायतकर्ता के द्वारा दिखाई गई जलजमाव की सड़कों की सफाई करें, उसे जल से मुक्त करें. साथ ही सड़क पर जमा कीचड़ और गंदगी की सफायी कराए. इतना ही नहीं अगली तारीख 18 नवंबर को कराए गए कार्य का विवरण फोटो के साथ अदालत में प्रस्तुत करें. अगली तारीख 18 नवंबर को रखी गयी है.

याचिकाकर्ता ने यह रखा पक्ष

याचिका कर्त्ता डॉ बीएनपी सिंह ने पक्ष रखते हुए कहा कि न्यायालय के पूर्व के आदेश का अनुपालन अब तक नहीं किया गया है. अब भी प्रभुनाथ नगर की सड़कों पर भारी मात्रा में जलजमाव है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक प्रवाह के सभी मार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया है.

राज्य प्रदूषण बोर्ड ने भी दिखायी थी सख्ती

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने शपथ पत्र में कहा था कि उनकी एक जांच टीम 13 अगस्त 2024 को मौके पर गई थी और उसने पाया कि संवेदक द्वारा अतिथि विवाह भवन से प्रभुनाथ नगर सांढ़ा ओवर ब्रिज तक 2.2 किलोमीटर की लंबाई में पाइप डाल दिया गया है. इस मार्ग में तीन पंपिंग स्टेशन स्थापित कर दिए गए हैं . सभी पानी को इकट्ठा कर नवनिर्मित 32 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाएगा और वहां उसे संशोधित कर नदी में बहाया जाएगा. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में प्लांट की तस्वीर भी लगायी थी.

जिलाधिकारी ने रखा था पक्ष

जिलाधिकारी की ओर से डीडीसी ने अपने शपथ पत्र में कहा था कि बुडको को उपरोक्त कार्यों को शीघ्रता से निष्पादित करने का आदेश दिया गया है. वहीं जिला परिषद की ओर से कहा गया है की अतिथि विवाह भवन से टारी गांव तक नाले का निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा.

लोग बोले- देखना है कब तक जलजमाव से मिलती है मुक्ति

समाजसेवी अभियंता अजीत सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बरसात अब जाने को है और पूरे बरसात में प्रभुनाथ नगर के वासी जलजमाव और जल जनित बीमारी का दंश हर वर्ष झेलते हैं. बहुत दुख की बात है कि मौलिक सुविधाओं की बहाली के लिए भी न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है. नागरिकों के दर्जनों आवेदनों का अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगता है. प्रो पृथ्वीराज सिंह ने कहा कि प्रशासन द्वारा उठाए गए हर कदम की हम धैर्य पूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं. अब देखना है कि न्यायालय के आदेश को कितनी तवज्जो दी जा रही है और साफ सफाई, जलजमाव से मुक्ति कब मिल रही है.

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