chhapra news : कानून सिर्फ कागजों में, स्कूल-कॉलेज के बाहर खुलेआम बिक रहा गुटखा, सिगरेट व नशे की सामग्री
chhapra news : स्कूलों के गेटों पर धड़ल्ले से पान-मसाले, गुटखे और सिगरेट आदि की बिक्री हो रही है. कॉपी-किताब के साथ ही दुकानों पर नशे की यह सामग्रियां भी आराम से मिल जाती है.
छपरा. यूं तो शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों में तंबाकू सेवन और उसके आसपास सिगरेट, गुटखा और तंबाकू की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, लेकिन जिले में इस आदेश का अनुपालन दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहा है. स्कूलों के गेटों पर धड़ल्ले से पान-मसाले, गुटखे और सिगरेट आदि की बिक्री हो रही है. कॉपी-किताब के साथ ही दुकानों पर नशे की यह सामग्रियां भी आराम से मिल जाती है. यहां तक कि छात्र पान-मसाला और गुटखा हमेशा जेब में भी रखे रहते हैं. उन्हें चेक करने वाला कोई भी नहीं है. चेक भी कौन करेगा. खुद गुरुजी भी तो खैनी पान-मसाले के आदी हैं. ग्रामीण क्षेत्र में कई बार तो छात्रों से मंगाकर ही गुरुजी भी सिगरेट और पान-मसाला उड़ाते हैं.
विद्यालयों के आसपास हैं पान-गुटका की दुकानें
नगर निगम क्षेत्र का ही बात कर तो किसी भी स्कूल में जाये, तो आपको पहले गेट के पास या गेट के सामने आपको पान और गुटखे की दुकानें मिलेगी. इस बात का जायजा जब प्रभात खबर की टीम ने लिया, तो शहर के अधिकांश स्कूल ऐसे ही मिले, जहां पर स्कूलों के गेट के सामने या बाजू में पान की दुकानें खुली हुई है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन और शिक्षा विभाग धूम्रपान निषेध के लिए कितना संजीदा है. इतना ही नहीं यहां से रोजाना अधिकारी भी निकलते है, इन्हें भी यह पान-गुटखा की दुकानें नजर नहीं आती है और न ही इन्हें हटवा पा रहे है. अब सवाल यह उठता है कि चिराग तले अंधेरा है तो कार्रवाई की आशा किससे किया जा सकता है.जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेशालय ने भेजा पत्र
राज्य शिक्षा निदेशालय ने सारण जिले के शैक्षणिक संस्थाओं के पास गुटखा और तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजे गये पत्र में निदेशक ने कहा है कि बच्चों पर धूम्रपान का असर नहीं पड़े और शैक्षणिक माहौल गंदा नहीं हो इसके लिए यह जरूरी है कि शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास गुटका और तंबाकू बेचने वालों का दुकान नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा है तो जिला शिक्षा पदाधिकारी ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जिला अधिकारी को सूचित करें. लेकिन आदेश आए कई महीने हो गये कार्रवाई नहीं हुई.
शिक्षण संस्थान के पास गुटखा और तंबाकू का दुकान निषेध
शिक्षण संस्थान से 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध किया गया है . शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को मुख्य प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है. जिसमें लिखा हो कि शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध है. उक्त नियमों के उल्लंघन पर दो सौ जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. इसी तरह धारा सात में वैधानिक चेतावनी युक्त पैकेट बेचने के लिए कहा गया है. इसमें 85 प्रतिशत मुख्य भाग पर चेतावनी होना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर 2 से 5 साल की सजा और एक से दस हजार जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.क्या कहते हैं जिला शिक्षापदाधिकारी
जल्द ही सभी शैक्षणिक संस्थाओं को एक चिट्ठी जारी की जाएगी, जिसमें आदेश दिया गया जायेगा की शैक्षणिक संस्थाओं के पास गुटका व तंबाकू के दुकान यदि है, तो कार्रवाई कर सूचित करें. हर हाल में कार्रवाई होगी.विद्यानंद ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है