गरीबों को रोजगार देनेवाला मनरेगा बना भ्रष्टाचार का अड्डा, मजदुरों की जगह जेसीबी से हो रहा काम
सारण जिले के एकमा प्रखंड के रसूलपुर पंचायत में मनरेगा के तहत किए जा रहे निर्माण कार्य में मजदूरों की जगह जेसीबी का इस्तेमाल किया जा रहा है. रसूलपुर तालाब के जीर्णोद्धार में भी जेसीबी का इस्तेमाल किया गया लेकिन मामले को दबा दिया गया.
MNREGA: मनरेगा के तहत गरीबों को रोजगार देने का प्रावधान है, मनरेगा का उद्देश्य रोजगार के लिए ग्रामीणों का शहरों की ओर पलायन रोकना है. वहीं, सारण जिले के एकमा प्रखंड के रसूलपुर पंचायत में मनरेगा योजना में शामिल मजदूरों से काम कराने की अवधारणा से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. ताजा मामला रसूलपुर पंचायत के बोहटा नदी में हो रहे बांध निर्माण कार्य में जेसीबी से काम कराने का प्रकाश में आया है. यहां ठेकेदार और संबंधित विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से मजदूरों की जगह जेसीबी से काम कराया जा रहा है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि, प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.
पहले भी आ चुका है ऐसा मामला
मनरेगा कार्यों के लिए जेसीबी का प्रयोग करने का यह अकेला मामला नहीं है. प्रखंड के अन्य पंचायतों के गांवों में भी ऐसे मामले हुए हैं. मनरेगा में मशीन का उपयोग पूर्णत: वर्जित है. इसके पहले भी रसूलपुर स्थित पोखरे के जीर्णोद्धार में देर रात चोरी से जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया था. जिसका वीडियो ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था. तब भी यह खबर अखबारों में सुर्खियां बनी थी. स्थानीय वार्ड सदस्य ने इसकी शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारियों से की है.
स्थानीय मजदुरों में रोष
जेसीबी से कार्य कराने को लेकर स्थानीय मजदुरों में भी रोष है, मामला प्रकाश में आने के बाद मनरेगा ठेका माफियाओं में हड़कंप मच गया है. मनरेगा माफिया पूर्व की तरह इस बार भी मामले की लीपापोती करने में जूट गये हैं. वहीं शिकायत कर्ता वार्ड न:9 की सदस्या पानपती देबी ने कहा है कि इस बार भी संबंधित पदाधिकारी अगर मामले की लीपापोती करते हैं तो हम डीएम व सीएम से शिकायत के अलावा कोर्ट का भी दरवाजा खटखटायेंगे.
क्या बोले अधिकारी
इस संबंध में एकमा के कार्यक्रम पदाधिकारी मो. खालिद अख्तर ने कहा है कि मामले की जानकारी मिली है. फिलहाल कार्य को बंद करा दिया गया है. मनरेगा में मशीन का उपयोग पूर्णत: वर्जित है. मामले की जांच की जायेगी,जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई की जायेगी.
Also Read: बिहार के सभी ग्रामीण पुलों का होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट, ठेकेदारों और इंजीनियरों पर बढ़ेगी सख्ती