जीविका दीदियों के हाथ में जायेगी सदर अस्पताल की सफाई व्यवस्था
जिले में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए मिशन मोड में चलाये गये विशेष अभियान के उपरांत भी इस कार्य को जारी रखना है.
छपरा. जिले में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए मिशन मोड में चलाये गये विशेष अभियान के उपरांत भी इस कार्य को जारी रखना है. यह आदेश जिलाधिकारी ने शनिवार को दिया. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को गति देने के लिए जीविका दीदियों का आयुष्मान कार्ड 100 फ़ीसदी बनना चाहिए. इसके साथ ही, तकनीकी सहायक परिवारों के नामांकन के लिए जीविका दीदियों की सहायता प्रदान करेंगे. सिक्की कला ने बनायी पहचान जीविका ने स्वयं सहायता समूहों के लिए सिक्की कला को व्यवसायिक रूप से व्यवहार्य उद्यम के रूप में पहचाना है.सिक्की कला से जुड़े कलाकारों की सहायता के लिए मधुबनी जैसे अन्य जिलों से आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जो इस कला में माहिर हैं.कच्चे माल के रूप में सिक्की घास की एक समस्या यह है कि इसकी शेल्फ लाइफ बहुत कम है. इसे जल्दी से उपयोग योग्य बनाना होगा अन्यथा यह बेकार हो जाएगा. पूरी प्रक्रिया डेढ़ महीने के भीतर पूरी करनी होगी. जल्द ही सदर अस्पताल की साफ सफाई की जिम्मेदारी जीविका को राज्य सरकार ने सदर अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा जीविका दीदियों को सौंपने का निर्णय लिया है.उक्त आलोक में जिला अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा जीविका दीदियों को दिया जायेगा.इसके लिए अस्पताल की छत को साफ-सफाई के लिए आवश्यक उपकरणों को लगाने हेतु उपयुक्त स्थान के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां उचित जल निकासी की व्यवस्था होगी और कपड़े सुखाने की भी व्यवस्था होगी.डीएम ने कहा कि जीविका बैंकों के लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य उद्यम है, क्योंकि इसमें डिफ़ॉल्ट की दर लगभग शून्य है. जिलाधिकारी ने निष्क्रिय स्वयं सहायता समूहों की पहचान कारण सहित सुनिश्चित करने को कहा. साथ ही ऐसे समूहों की भी कारण सहित पहचान करने को कहा गया जो विगत कुछ समय से स्थिर है और आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.बैठक में डीपीएम जीविका, सभी बीपीएम सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
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