Chhapra News : सीएचसी दिघवारा में चिकित्सकों की कमी से मरीजों को होती है परेशानी
Chhapra News : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिघवारा में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है.
दिघवारा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिघवारा में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है. अस्पताल में बेड की कमी, चिकित्सक व महिला चिकित्सकों का अभाव, ड्रेसर, कंपाउंडर और फार्मासिस्ट का पद लंबे समय से खाली होने, अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं होने के साथ-साथ एक्सरे टेक्निशियन का पद लंबे समय से रिक्त पड़ा है. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए निजी क्लीनिकों की ओर विवश होकर जाना पड़ रहा है.
अस्पताल में है चिकित्सकों का घोर अभाव, जैसे तैसे चलता है ओपीडी
सीएससी दिघवारा में दिघवारा, दरियापुर, गड़खा, छपरा सदर आदि प्रखंडों के मरीज इलाज करवाने आते हैं, मगर इस अस्पताल में चिकित्सकों का घोर अभाव है. चिकित्सकों के 12 पद सृजित हैं जबकि मौजूदा समय में केवल चार चिकित्सक ही कार्यरत हैं. दो एमबीबीएस, एक डेंटिस्ट व आयूष चिकित्सक के सहारे ओपीडी चलता है. कोरोना काल में डॉ राधाशरण का निधन हो गया था. कुछ महीने पूर्व डॉ सुरेश कुमार रिटायर हो गए और कई चिकित्सक स्टडी लीव पर हैं. ऐसे में अस्पताल को डॉक्टर नहीं मिल पा रहा है, लिहाजा जैसे तैसे इलाज का कोरम पूरा किया जा रहा है.चिकित्सकों की कमी से इमरजेंसी सेवा प्रभावित होती है. एक समय अस्पताल में तीन महिला चिकित्सक प्रतिनियुक्त थी जबकि मौजूदा समय में एक भी महिला चिकित्सक नहीं है, जबकि ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में 60 से 70 फ़ीसदी महिला मरीज रहती है. ग्रामीण इलाकों की महिला मरीज पुरुष चिकित्सक से बीमारी बतलाने व इलाज करवाने में संकोच करती है. ऐसे में महिला मरीजों को मजबूरी में निजी क्लीनिकों की ओर जाना पड़ता है.टेक्निशियन न होने से डेढ़ वर्षों से अधिक समय से बंद पड़ा है एक्सरे का काम
अस्पताल में एक्सरे कक्ष बनाया गया है मगर इसमें टेक्निशियन का पद लंबे समय से रिक्त होने से एक्सरे का काम बंद कर है. हड्डी और नस से जुड़े मरीजों को बैरंग वापस लौट जाना पड़ता है. टेक्नीशियन का अन्यत्र ट्रांसफर हो जाने से पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक समय से एक्सरे का काम बंद है. ऐसे में एक्स रे कक्ष भी शो पीस बनकर रह गया है.इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा नहीं है मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए निजी क्लीनिकों की ओर जाना पड़ता है जिससे उनलोगों का खूब आर्थिक दोहन होता है.अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 10 डिलीवरी होती है. महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति न होने से भी लोग डिलीवरी के लिए महिलाओं को सरकारी अस्पताल नहीं लाते हैं.ऐसे में संस्थागत प्रसव के उद्देश्यों को भी झटका लगता है.क्या कहते हैं प्रभारी
महिला चिकित्सक नहीं होने से महिला मरीजों को इलाज में परेशानी होती है. महिला चिकित्सक की कमी के बारे में वरीय पदाधिकारियों को अवगत करवा दिया हूं.डॉ रौशन कुमारप्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
सीएचसी,दिघवाराक्या कहते हैं पूर्व विधायक
मेरे विधानसभा क्षेत्र के दिघवारा हॉस्पिटल में महिला चिकित्सक नहीं है, इससे क्षेत्र की महिला मरीजों को परेशानी हो रही है. जल्द ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से बात कर इस समस्या से अवगत करवाऊंगा.विनय कुमार सिंहपूर्व विधायक, सोनपुर
क्या कहते हैं सांसद प्रतिनिधि
दिघवारा के स्थानीय लोगों ने अस्पताल में डाक्टरों की कमी की तरफ ध्यान आकृष्ट करवाया है.जल्द ही इस संबंध में सांसद रूडी जी को भी. अवगत कराया जाएगा एवं हरसंभव पहल करने की कोशिश की जायेगी.राकेश कुमार सिंहसांसद प्रतिनिधि,सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है