1730 गांवों में एक अगस्त से युद्ध स्तर पर शुरू होगा भूमि सर्वेक्षण का काम

जिले में विशेष भूमि सर्वेक्षण व बंदोबस्त का कार्य एक अगस्त से उद्घोषणा के साथ से शुरू कर दी जायेगी. जिला प्रशासन और बंदोबस्त विभाग इसे लेकर पूरी तैयारी में जुटा है. सर्वेक्षण का उद्देश्य है कि भूमि विवाद को कम करना और डाटा को अपडेट करना. सरकार के इस पहल की सराहना हो रही है. अब एक अगस्त का इंतजार है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2024 9:34 PM
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छपरा. जिले में विशेष भूमि सर्वेक्षण व बंदोबस्त का कार्य एक अगस्त से उद्घोषणा के साथ से शुरू कर दी जायेगी. जिला प्रशासन और बंदोबस्त विभाग इसे लेकर पूरी तैयारी में जुटा है. सर्वेक्षण का उद्देश्य है कि भूमि विवाद को कम करना और डाटा को अपडेट करना. सरकार के इस पहल की सराहना हो रही है. अब एक अगस्त का इंतजार है.

1730 गांवों का होगा सर्वेक्षण

सारण में 20 प्रखंड 323 पंचायत और 1730 गांव है. बंदोबस्त विभाग सभी 1730 गांव का सर्वेक्षण और बंदोबस्त करायेगा. पहले छोटे गांव से शुरुआत होगी. फिर धीरे-धीरे सभी गांव की बंदोबस्ती शुरू हो जायेगी. इसके पहले जबरदस्त प्रचार-प्रसार के लिए जिला प्रशासन और बंदोबस्त विभाग जुटा हुआ है. विभाग प्रत्येक पंचायत स्तर पर शिविर का आयोजन करेगा. उस शिविर में भू-धारियों को पहुंचकर जमीन संबंधित आवश्यक कागजात दिखाने होंगे. इसकी सूचना पहले से सभी अंचलों को दी जायेगी, ताकि वे अपने स्तर से क्षेत्र में इसे लेकर लोगों को जागरूक कर सकें. इस दिशा में सभी प्रखंड को कार्ययोजना के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा गया है.

यह है विभागीय आदेश

विभाग के निदेशक ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए प्रत्येक अंचलों में एक-एक विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्त शिविर लगाया जायेगा. सभी शिविरों में एक-एक प्रभारी, दो सर्वेक्षण कानूनगो, दो लिपिक व अंचलों में प्रत्येक चार राजस्व गांव के लिए एक विशेष सर्वेक्षण अमीन को लगाया जायेगा. सारण के लिए 15 सहायक पदाधिकारी, 15 कानूनगो, 310 अमीन और 20 लिपिक मिले हैं, जो इस काम को पूरा करेंगे.

क्या है इसका उद्देश्य

विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्त का मुख्य उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से डिजिटाइज्ड ऑनलाइन अधिकार, अभिलेखों एवं मानचित्रों का संधारण, संरक्षण एवं अपडेशन की प्रक्रिया की निरंतरता को बनाये रखना है. इसके बाद बंदोबस्त प्रक्रिया अंतर्गत भूमि की प्रकृति एवं उपयोग के अनुसार रैयतवार लगान निर्धारण करना है. इस सर्वेक्षण और बंदोबस्ती से भूमि विवाद की समस्या समाप्त हो जायेगी.

कोविड से बीच में बंद हो गया था काम

जानकारी हो कि भू-अभिलेख व परिमाप निदेशालय द्वारा वर्ष 2019 में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्ती करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन कोविड-19 के प्रकोप से बीच में काम को बंद करना पड़ गया था. करीब चार वर्षों के बाद दोबारा इस कार्य को शुरू कराने का आदेश जारी कर दिया गया है.

जमीन मालिकों को यह लाना होगा कागजात

विभागीय नियमानुसार शिविर में भू-धारियों को जमाबंदी संख्या का ब्यौरा, मालगुजारी रसीद की कापी, खतियान का नकल (अगर उपलब्ध हो तो) दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेज का ब्यौरा व आधार कार्ड की कॉपी के साथ शिविर में उपस्थित होना पड़ेगा. इसके अलावे आवश्यकतानुसार मृत जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाणपत्र और वंशावली प्रपत्र भी भरकर जमा करना होगा.

क्या कहते हैं अधिकारी

भूमि विवाद के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. इससे विवाद लगभग समाप्त हो जायेंगे. इसमें सभी उपकरण उच्च तकनीकी से लैस होंगे. डीएम के निर्देश पर तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. एक अगस्त से सर्वेक्षण के उद्घोषणा और सर्वेक्षण शुरू हो जायेगा.

संजय कुमार,

जिला बंदोबस्त पदाधिकारी, सारण

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