छह महीने से निष्क्रिय रहनेवाले खाद दुकानदारों का लाइसेंस किया जायेगा रद्द
जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में जिला उर्वरक टास्कफोर्स की बैठक हुई.
छपरा. जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में जिला उर्वरक टास्कफोर्स की बैठक हुई. इसमें डीएम ने उन लाइसेंसी उर्वरक विक्रेताओं को चिन्हित करने के निर्देश दिए जो फसल सीजन के दौरान बिक्री नहीं करते हैं और बाद में ऊंचे दर पर बेचते हैं. उर्वरक की कालाबाजारी करने वाले नहीं बचेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि फसल सीजन के दौरान पंजीकृत डीलरों के पास स्टॉक उपलब्ध रहे. जब उनका स्टॉक समाप्त हो जाता है, तभी वे उच्च मूल्य पर खरीदारी के लिए किसी अन्य स्टॉकिस्ट के पास चले जाते हैं. पिछले छह माह में निष्क्रिय रहे सभी डीलरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा. कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा. इसके बाद जिले में नए डीलरों को नए लाइसेंस जारी किए जाएंगे.
डीएम ने पढ़ाया कर्तव्य का पाठ
टास्क फोर्स का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य उर्वरक की कालाबाजारी को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि यह निर्धारित सरकारी दरों पर लाभार्थी किसानों तक पहुंचे. सभी उर्वरकों की दरें जिला प्रशासन के सोशल मीडिया हैंडल पर डाल दी गई हैं, जहां से कोई भी इन्हें देख सकता है. इसी प्रकार, सभी सक्रिय डीलरों की सूची भी सामान्य जागरूकता के लिए सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया है. नैनो यूरिया का करें उपयोग : जिले में किसानों को यूरिया से नैनो यूरिया की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. डीएम ने डीलरों से नैनो यूरिया की बिक्री की मात्रा के बारे में जानकारी लेने तथा सभी प्रखंडों की मैपिंग करने को कहा है. डीएम ने कहा कि उन किसानों को चिन्हित किया जा रहा है जो सफलतापूर्वक यूरिया से नैनो यूरिया पर आ गए हैं और उनका उत्पादन उतना ही या उससे अधिक है.पंचायत वार मिट्टी की मैपिंग
डीएम ने टास्कफोर्स को पंचायतवार मिट्टी की विशिष्ट गुणवत्ता के आधार पर मैपिंग करने को भी कहा है. वास्तविक समय में सॉइल मैपिंग किसानों को उनकी भूमि के लिये उर्वरक की आवश्यकता को समझने में मदद करेगा. यह मानचित्र उन्हें अपनी भूमि के लिए सही फसल की पहचान करने में भी मदद करेगा.10 हेक्टेयर पर मिट्टी की बदल जाती है संरचना
टास्कफोर्स द्वारा भूमि का अक्षांश और देशांतरवार डिजिटल सर्वेक्षण पूरा किया जाना है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि हर 10 हेक्टेयर में मिट्टी की संरचना बदलती है. डिजिटल सर्वेक्षण से किसी स्थान पर मिट्टी की सही ज़रूरतों का पता लगाने में मदद मिलेगी. बैठक में विधायक अमनौर कृष्ण कुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्षा, उपविकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी सहित कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है