Chhapra News : केवीके में मिलेंगे अच्छे प्रभेद के आम के पौधे

Chhapra News : मांझी कृषि विज्ञान केंद्र में पहली बार किसानों के लिए आम के अच्छे प्रभेद के कलमरोपण पौधा मिलेगा. इसके लिए केंद्र में एक बाग स्थापित किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 19, 2024 7:54 PM

मांझी. मांझी कृषि विज्ञान केंद्र में पहली बार किसानों के लिए आम के अच्छे प्रभेद के कलमरोपण पौधा मिलेगा. इसके लिए केंद्र में एक बाग स्थापित किया गया है. इस बाग से किसानों को नई कलमरोपण पौधा तैयार कर उचित दाम पर दिया जायेगा. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ संजय कुमार राय ने बताया कि मात्र वृक्ष बाग एक विशेष प्रकार का बाग है जिसे नर्सरी बनाए जाता है ताकि वे श्रेष्ठ या विशेष फल वृक्षों को संगठित किया जा सके. जिनमें सभी वांछनीय गुण होते हैं. मुख्य रूप से भविष्य में आम या अन्य फलों के रोग रहित ऊंच गुणवत्ता युक्त नए पौधे तैयार किये जा सकें. उन्होंने बताया कि किसी भी नर्सरी की सफलता मुख्य रूप से आगे के गुणन के लिए मां पौधों के प्रारंभिक चयन पर निर्भर करती है. ये मात्र पौधे बड स्टिक और ग्राफ्टिंग संचालन के लिए कलम शाखा प्रदान करते हैं. जो फल फसलों के उत्पादन क्षमता को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन पौधों का प्रदर्शन उस मां कलम शाखा के स्रोत पर निर्भर करता है जो सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करता है. उन्होंने बताया कि आम की नई पौध तैयार कर किसानों को वितरित किए जायेंगे. ताकि किसानों को लाभ प्राप्त हो सके.

मिलेगा छह प्रभेदों के आम की पेड़

मांझी कृषि विज्ञान केंद्र में छह प्रभेदों के आम का पौधा अब किसानों को मिलेगा. जिसमे आम्रपाली, दशहरी, जर्दालु, दूधिया मालदह तथा मलिका प्रभेद के पौधा का कलमरोपण किया गया है.सही प्रभेद के आम का पौधा अब किसानों को मिलेगा.150 रुपये प्रति पौधा के हिसाब स्व मिलेगी. बाजार से काफी कम मूल्य तथा गुणवक्ता पूर्ण व सही प्रभेद मिलेगा.

फरवरी से किसानों को मिलेगा आम का पौधा

फरवरी से किसान मांझी कृषि विज्ञान केंद्र से आम का पौधा खरीद सकेंगे.उसकी जानकारी देते हुए केंद्र प्रमुख व वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ एस के राय के बताया कि जिले के किसानों को अच्छे प्रभेद के आम के कलम का पौधा फरवरी से विश्विद्यालय की तय दर के अनुसार दिया जाएगा.पौधा ढाई से तीन फीट होगी. किसानों के द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रभेदों के आम की पेड़ की निगरानी केंद्र के वैज्ञानिक करेंगे.फल लगने तक केंद तक वैज्ञानिकों के द्वारा पौधे में देने निगरानी करेंगे.प्रत्येक वर्ष उस पौधे में देने वाले खाद तथा कीटनाशक देने व उसके उपाय केंद्र के वैज्ञानिक करेंगे.बाजार में बिकने वाले नकली प्रभेदों से किसान बच सकेंगे.

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