छपरा. कई दिनों से पैक्स की 10 से अधिक ट्रक सीएमआर (तैयार चावल) लेकर बाजार समिति में खड़ी है, लेकिन उस चावल को एफसीआइ अपने गोदाम नंबर 01 में खाली कराने के लिए व्यवस्था नहीं कर रहा है. इससे पैक्स के सामने आर्थिक परेशानी आ रही है. एक तो 12 फीसदी ब्याज लग रहा है और दूसरा ट्रकों का भाड़ा भी प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है. जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है, ऐसे में आने वाले समय में जिला प्रशासन के लिए ही यह परेशानी वाला मामला बन जाएगा. इस संबंध में कई पैक्स अध्यक्षों ने जिले के अधिकारियों से शिकायत की है.
क्या बोले सहकारिता संघ के अध्यक्ष
सारण जिला सहकारिता संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि स्टेट फूड कॉरपोरेशन के लालफीताशाही की वजह से इस तरह की परेशानी उत्पन्न हो रही है. उनका कहना है कि पैक्सों को धान खरीद के लिए निर्धारित लक्ष्य का अंश भाग की राशि केंद्रीय सहकारी बैंक देती है. केंद्रीय बैंक से प्राप्त राशि से पैक्स किसानों से धान की खरीद करती है. उसके बाद उस धान की मिलिंग कराकर पैक्स राज्य खाद्य निगम के गोदाम में जाकर जमा कर देता है. जब राज्य खाद्य निगम को चावल प्राप्त हो जाता है तो वह उस चावल की कीमत पैक्स को देता है. एसएफसी से चावल के एवज में प्राप्त राशि से दोबारा पैक्स किसानों से धान की खरीद करता है. यह पैसे की चक्रिय व्यवस्था से धान की खरीद होती रहती है. राज्य खाद्य निगम चावल नहीं ले रहा है तो इसका सीधा प्रभाव पैक्स के स्वास्थ पर पड़ रहा है. कोऑपरेटिव बैंक तो अपना कैश क्रेडिट के तहत 12% का ब्याज ले रहा है जितना दिन ट्रक खड़ा रहेगा ट्रक संचालक भाड़ा में प्रतिदिन के दर से बढ़ोत्तरी करते जा रहे हैं. जिला प्रशासन को एसएससी के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. पैक्स अध्यक्ष शशि शेखर सिंह ने बताया कि उनकी दो गाड़ियां हैं जो चार दिन से खड़ी है. इस तरह की लापरवाही से सहकारी व्यवस्था बिगड़ेगी और समय पर चावल या धान की खरीदारी भी नहीं हो पायेगी.सीएमआर से जुड़ी कुछ खास बातें
-धान खरीद के तहत सीएमआर प्राप्ति के लिए, किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है.-धान खरीद के लिए आवेदन करने से पहले, किसानों का पंजीकरण कराना होता है.-धान खरीद के लिए आवेदन करने के बाद, किसान अपनी पसंद के किसी भी खरीद केंद्र पर धान बेच सकते हैं.-धान खरीद के लिए, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान बेचना होता है.-धान अधिप्राप्ति के लिए, किसानों को सही समय पर पैसा मिलना चाहिए.क्या कहते हैं अधिकारी
शिकायत की गयी है वह बिल्कुल निराधार और गलत है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. ट्रक चावल लेकर बाजार समिति में खड़े हैं वह एफसीआइ के हैं. दूसरी बात कि रास्ता संकीर्ण है. निर्माण कार्य भी चल रहा है, ऐसे में एक दो ट्रक खड़ी होगी उसी को मुद्दा बनाया जा रहा है. बिल्कुल सुचारू ढंग से काम चल रहा है.दीपक कुमारजिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है