छपरा. हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 जांनेसार व परिजनों की कर्बला में शहादत के चालीस दिन बीतने पर चेहलुम मनाया गया. इस अवसर पर शहर के दहियावां शिया कॉलोनी स्थित तकी नवाब के अजाखाने से या हुसैन-या हुसैन के दर्द भरे नारों के साथ अंजुमन-ए-जाफरिया के तत्वावधान में मातमी जुलूस निकाला गया. जुलूस विभिन्न घरों में रखे शबीहे अलम, ताबूत आदि को शामिल करता हुआ छोटा इमामबाड़ा पहुंचा. मासूम अली असगर का झूला, हजरत अब्बास का अलम व इमाम हुसैन के प्रतीकात्मक ताबूत के साथ जुलूस शोक करता हुआ आगे बढ़ा. जुलूस शिया मस्जिद होते हुए महमूद चौक पहुंचा तो बच्चों और जवानों के जंजीरी मातम ने कर्बला की घटना को ताजा कर दिया. मातमी जुलूस थाना चौक, साहबगंज, मौना चौक होते हुए तेलपा तकिया तक गया. इस दौरान उद्घोष होता रहा कि इस्लाम अमन का पैगाम देने और मानवता की रक्षा के लिए आया है. इमाम हुसैन ने करबला में महान बलिदान देकर मानवता की रक्षा की. कर्बला ने दीन-ए-मोहम्मदी के अस्तित्व और मानवीय मूल्यों की रक्षा को हमेशा के लिए सुरक्षित कर दिया. मौके पर जुलूस में गुलाम पंजतन, तारा भाई, डॉ अस्करी रजा, शकील हैदर, बबलू राही, कल्बे अब्बास, अशरफ हैदर, गुड्डू, जफर अब्बास, समीर हैदर आदि ने नौहा पढ़कर मातम कराया. जुलूस में डॉ अशरफ, रजा इमाम, नक़ी हैदर आदि शामिल थे. जुलूस में छोटे-छोटे बच्चे हाय सकीना-हाय प्यास की सदा लगाते नजर आए. शहर में जगह जगह मुस्लिम के साथ हिन्दू भाई भी सबील लगाकर मातमदारों को कोल्ड ड्रिंक, पानी बोतल, बिस्कुट, चाय, काॅफी आदि देते नजर आए. ताजिया व सिपल जुलूस रहे आकर्षण का केंद्र दूसरी तरफ, अहले सुन्नत वल जमाअत के लोगों ने ताजिया और सिपल जुलूस निकाला. जुलूस में लोगों ने लाठी, तलवार, गदका आदि से कला का प्रदर्शन किया. लोगों ने इबादत के साथ नजर व नेयाज भी किया. मौके पर खीचड़ा का तबर्रुक वितरीत किया गया. जुलूस के मद्देनजर हर चौक-चौराहों और मुख्य मार्गों पर जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी और महिला व पुरुष पुलिस फोर्स की तैनाती की थी. छपरा के एएसपी समेत कई प्रशासनिक पदाधिकारी भी मौजूद थे. जुलूस के गुजरने के समय यातायात नियंत्रण में सहयोग करते प्रशासन नजर आया. डीएम अमन समीर, एसपी डॉ कुमार आशीष जिला नियंत्रण कक्ष से लगातार निगरानी करते रहे.
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