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जेपीयू. दो साल में 30 हजार से अधिक छात्र पढ़ाई छोड़कर कर गये पलायन, वर्ष 2022 से अबतक 17 हजार छात्रों ने माइग्रेशन के लिए किया अप्लाइ

सत्रों की अनियमितता व डिग्री मिलने में हो रही देरी से कम हुई जेपीयू से पढ़ने की रुचि़, स्नातक सत्र 2022 में ही 20 हजार छात्रों ने नामांकन के बाद भी नहीं दी परीक्षा

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2024 11:19 PM

छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में 30 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं बीच सत्र में ही पढ़ाई छोड़कर पलायन कर गये हैं. विश्वविद्यालय में स्नातक व पीजी के सत्र अनियमित होने तथा समय पर परीक्षा नहीं होने के कारण छात्रों की रुचि यहां से पढ़ने में कम हुई है. पहले ही यहां स्नातक व पीजी के सत्र दो से तीन साल पीछे चल रहे हैं. वहीं अब इन्हीं पीछे चल रहे सत्रों में नामांकन कराने के बाद भी जब समय पर परीक्षा नहीं हो रही है. ऐसे में छात्र-छात्राएं अब बीच सत्र में ही पढ़ाई छोड़ राज्य के दूसरे विश्वविद्यालय या राज्य के बाहर के विश्वविद्यालय में नामांकन करा ले रहे हैं. स्नातक सत्र 2020 में नामांकित करीब पांच हजार व सत्र 2021 में नामांकित सात हजार छात्रों ने बीच सत्र में ही विश्वविद्यालय को छोड़ दिया है. हाल ही में संपन्न स्नातक सत्र 2022 के पार्ट वन की परीक्षा में भी करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं शामिल नहीं हुए. इस सत्र में 42 हजार छात्रों ने नामांकन कराया था. जेपीयू में पीजी के सत्र भी तीन साल पीछे चल रहे हैं. पीजी के पिछले दो सत्रों में नामांकित तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने दाखिला लेने के बाद भी परीक्षा फॉर्म नहीं भरा.

दो सालों में 17 हजार छात्रों ने माइग्रेशन के लिए किया अप्लाइ

सत्रों की अनियमितता के कारण छात्र-छात्राएं अपना माइग्रेशन निकालकर प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों या राज्य के बाहर की शैक्षणिक संस्थाओं में अपना नामांकन करा रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दो वर्षों में लगभग 17 हजार रेगुलर छात्रों ने अपना माइग्रेशन निकाला है. वहीं हजारों आवेदन अभी प्रक्रिया में हैं. वर्ष 2023-24 में ही माइग्रेशन के लिए करीब 11 हजार आवेदन विश्वविद्यालय को मिले हैं. जिसमें से 6500 माइग्रेशन जारी भी कर दिया गया है. हालांकि कुछ छात्रों वैसे भी हैं जिन्होंने दूसरे संस्थानों से बीएड करने तथा शोध पाठ्यक्रम में नामांकन लेने के लिए माइग्रेशन निकाला है.

जेपीयू में पीजी स्नातक के सत्र तीन साल पीछे

जेपीयू में पीजी व स्नातक का सत्र तीन साल पीछे है. स्नातक सत्र 2020, 2021 2022 अपडेट नहीं है. सत्र 2022 के फाइनल इयर तथा सत्र 2021 के पार्ट टू की परीक्षा पिछले एक साल से लंबित है. स्नातक सत्र 2022 के पार्ट वन की परीक्षा पिछले महीने ही ली गयी है. वहीं पीजी में सत्र 2021 से 2022 तक की परीक्षाएं नियमित नहीं है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2023 अब तक शुरू ही नहीं हो सका है.

कई छात्रों ने इग्नू व एनओयू में करा लिया दाखिला

स्नातक सत्र 2022 में नामांकित छात्र अभिषेक कुमार ने बताया कि उन्होंने राजेंद्र कॉलेज के गणित विभाग में दाखिला कराया था. सत्र 2022 की परीक्षा एक साल तक लंबित रही. तब उनके अभिभावकों ने उन्हें दूसरे संस्थान से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने की बात कही. जिसके बाद उन्होंने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया. जेपीयू में अभी सत्र 2022 के पार्ट वन की परीक्षा की हुई है. जबकि एनओयू में दाखिले के बाद अब वह पार्ट टू की परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं. शहर के रामजयपाल कॉलेज में इतिहास विभाग में सत्र 2021 में नामांकन करने वाली छात्रा पूजा व आंचल ने भी बीच सत्र में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी. अब वह इग्नू से पढ़ाई पूरी कर रही हैं.

जेपीयू में सत्रों की वर्तमान स्थिति

पीजी

जेपीयू में पीजी का सेशन दो साल पीछे है- सत्र 2020-22- दो साल पीछे- सत्र 2021-23- दो साल पीछे- सत्र 2022-24- इस वर्ष लिया गया है नामांकन- सत्र 2023-25- अबतक शुरू ही नहीं हो सका

यूजी

– यूजी का सेशन भी तीन साल पीछे चल रहा है. हालांकि सभी सत्रों में नामांकन नियमित है, लेकिन परीक्षाएं विलंब से हो रही हैं.

– यूजी सत्र 2020- 23- दो साल पीछे

– यूजी सत्र 2021-24- दो साल पीछे- यूजी सत्र 2022-25- इस साल मार्च में हुई पार्ट वन की परीक्षा- यूजी सत्र 2023-27- अबतक नहीं हुई फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा

क्या कहते हैं कुलपति

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के लंबित सत्रों को मई 2025 से पहले अपडेट करने का लक्ष्य रखा गया है. हाल ही में परीक्षा विभाग के साथ बैठक की गयी है. अगले एक दो माह में लंबित परीक्षाएं आयोजित करायी जायेंगी. विश्वविद्यालय से पढ़ाई की रुचि बनी रहे. इसके लिए पिछले डेढ़ माह में देश के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों से एमओयू साइन कर 10 से भी अधिक वोकेशनल तथा प्रोफेशनल कोर्स को पढ़ाये जाने की सुविधा मुहैया करायी गयी है. छात्रों का पलायन रुके इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.

प्रो. प्रमेन्द्र कुमार वाजपेयी, कुलपति, जेपीयू

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