15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chhapra News : नगर निगम की निष्क्रियता के कारण बढ़ रहा मच्छरों का खतरा, शहवासी परेशान

Chhapra News : नगर निगम क्षेत्र में लोग मच्छरों के आतंक से परेशान है. जिनके जिम्मे इसकी जवाबदेही है वे ही मच्छरदानी तानकर सो रहे हैं. नगर निगम की फागिंग मशीनें भी मच्छर नहीं मार पा रही हैं.

छपरा. नगर निगम क्षेत्र में लोग मच्छरों के आतंक से परेशान है. जिनके जिम्मे इसकी जवाबदेही है वे ही मच्छरदानी तानकर सो रहे हैं. नगर निगम की फागिंग मशीनें भी मच्छर नहीं मार पा रही हैं. कुछ इलाके तो ऐसे भी हैं जहां कई माह से फॉगिंग तक नहीं हुई. लोग हैरान-परेशान नगर निगम को कोस रहे हैं. फागिंग के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. कुछ वीआइपी इलाकों में जरूर नियमित फागिंग हो रही है. इनमें डीएम, डीडीसी, एसपी, एसडीओ, नगर आयुक्त के आवास प्रमुख रूप से शामिल हैं.

आधा दर्जन मशीनों के हवाले 45 वार्ड

निगम आधा दर्जन मशीनों के भरोसे 45 वार्ड में फागिंग करा रहा है. आधा दर्जन मोपेड फागिंग मशीन कबाड़ में सड़ रही है. नगर निगम क्षेत्र के अधिकतर इलाकों में कई माह से फागिंग ही नहीं हुई है. निगम के दोनों जोन में तीन लाख से अधिक आबादी है. कुछ इलाके तो ऐसे भी हैं जहां आज तक फागिंग नहीं हुई.

सूर्यास्त के पहले और सूर्यास्त के बाद फॉगिंग जरूरी : नगरपालिका अधिनियम के तहत फागिंग करने का भी नियम है. पूर्व वार्ड पार्षद सियाराम सिंह बताते हैं कि जिस इलाके में फागिंग होनी है वहां एक दिन पहले मुनादी करना जरूरी है. लोगों को बताना होगा कि जिस दिन फागिंग होगी उस दिन अपने दरवाजे और खिड़की बंद रखें. नालियों, कूड़े के ढेर में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव अनिवार्य है. इसके बाद डीडीटी स्प्रे भी होता है. सिर्फ यही नहीं, सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के बाद दो बार फागिंग होनी चाहिए, तभी इसका असर रहता है. जिस केमिकल का प्रयोग फागिंग के लिए हो रहा है उसकी लैब टेस्टिंग भी जरूरी है. इसके साथ ही फागिंग में प्रयोग होने वाली मशीन की क्वालिटी जांच भी होनी चाहिए. यह सब कुछ भी नहीं हो रहा है.

मच्छर मर नहीं और पनप रहे हैं

निवर्तमान पार्षद सियाराम सिंह यह भी कहते हैं एक माह पहले आंशिक फागिंग हुई थी. कुछ इलाके तो अभी तक छूटे हुए हैं. मच्छर नहीं मरता है. निगम यही कर रहा है.न तो केमिकल की जांच हो रही है और न ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव ही हो रहा है. कितना ब्लीचिंग पाउडर और केमिकल आया, इसका रिकार्ड बनता है. यह भी नहीं हो रहा है. एक फागिंग मशीन कम से कम पांच वर्ष तक काम करती है. यहां तो समय से पहले ही मशीन सड़ने लगी है.

शहरवासियों की नहीं सुनते निगम के अधिकारी

साहिबगंज निवासी रंजन प्रसाद कहते हैं कि अधिकारियों के एक फोन पर फागिंग हो जाती है. कई मोहल्लों की आम जनता फागिंग देखने के लिए तरस गई है. मच्छर तेजी से बढ़ रहे हैं. याद ही नहीं हमारे मोहल्ले में पिछली बार कब फागिंग हुई थी. निगम के अधिकारी सुनते ही नहीं. दहियामा शिया मस्जिद निवासी अब्दुल कि कहते हैं, नगर निगम क्षेत्र का कोई ऐसा इलाका नहीं बचा है, जहां मच्छरों का प्रकोप न हो.अचानक मच्छर बढ़ गए हैं. हर इलाके में निगम की फागिंग नहीं हो रही है. अधिकारियों के बंगले पर जरूर नगर निगम फागिंग करा रहा है. निगम का अधिकतर इलाका फागिंग से वंचित है. कई वर्ष हो गए फागिंग मशीन देखे हुए.

वीआइपी इलाकों में सही तरीके से हो रही फॉगिंग

निगम क्षेत्र में फॉगिंग नियमित नहीं है. पांच मिनट फागिंग को नियमित नहीं कहा जा सकता है. इलाके में फॉगिंग शुरू होती है कि पांच मिनट बाद समय खत्म होने पर मशीन लौट जाती है. ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव तो हो ही नहीं रहा है.डीडीटी स्प्रे तो आज तक नहीं हुआ. नालियां बजबजाने से मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है.

फॉगिंग के लिए तैयार कर दिया गया है शेड्यूल

फागिंग के लिए शेड्यूल तैयार कर दिया गया है उसी अनुसार हर मोहल्ले में फॉगिंग हो रही है. यदि किसी को कोई शिकायत है तो वह मेरे फोन नंबर पर कहे तुरंत निबटारा होगा और फागिंग भी होगी. अन्य सुविधाओं को भी बहाल किया जा रहा है.

लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर छपरा नगर निगम

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें