छपरा. शुक्रवार को छपरा नगर निगम के बोर्ड की बैठक के दौरान महापौर पर चली कुर्सियां का मामला गरमाते जा रहा है. घटना की पूरी जानकारी नगर आयुक्त ने जिलाधिकारी सारण अमन समीर को फोन के माध्यम से दे दी है. साथ ही आदेश के बावजूद बैठक के अवसर पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी थे कि नहीं थे आदि की भी जानकारी दी है. महापौर ने तो स्पष्ट बता दिया है कि बैठक की सूचना के बावजूद न तो कोई मजिस्ट्रेट था और ना ही कोई पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल.
एसडीओ ने मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति का दिया था आदेश
सदर एसडीओ ने नगर आयुक्त के पत्रांक-3052, दिनांक तीन दिसंबर 2024 का हवाला देते हुए एक संयुक्त आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि छपरा नगर निगम बोर्ड की बैठक छह दिसंबर को दोपहर एक बजे से निगम सभागार में निर्धारित की गयी हैं. इस अवसर पर शांति व विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने का अनुरोध किया गया है. अतः इस बैठक स्थल पर व उसके आस-पास शांति और विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए निम्नवत् दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाती हैं, जिनमें मजिस्ट्रेट के रूप में अशोक कुमार, कनीय अभियंता, सर्व शिक्षा अभियान और पुलिस पदाधिकारी के रूप में पुअनि जसवंत सिंह नगर थाना से और 1/4 सशस्त्र बल, पांच लाठी बल और तीन महिला पुलिस को तैनात करने का आदेश दिया गया था. यह भी कहा गया था कि संबंधित प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि अपने प्रतिनियुक्ति के स्थान पर ससमय उपस्थित होकर भीड़ नियंत्रण व शांति और विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी समुचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेगें. पुलिस निरीक्षक-सह-यानाध्यक्ष, नगर को निर्देश दिया जाता है कि भीड़ नियंत्रण व शांति के साथ विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी को नगर थाना में उपलब्ध पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल के साथ अपेक्षित सहयोग प्रदान करते हुए शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए अपने स्तर से भी सभी ऐहतियाती व समुचित सुरक्षात्मक कार्रवाई करना सुनिश्चित करेगें. यह आदेश छब दिसंबर 2024 को अपराह्न 12:30 बजे से आयोजित बैठक सम्पन्न होने यानि अंतिम भीड़ समाप्त होने तक लागू रहेगा.यह पूरी तरह से लापरवाही पूर्ण कार्रवाई है
मैं इसका गवाह हूं कि जब मेरे पर हमला हो रहा था, तो उस समय ना तो कोई मजिस्ट्रेट दिखा और ना ही कोई पुलिस पदाधिकारी और पुलिसबल. यह पूरी तरह से लापरवाही पूर्ण कार्रवाई है. यह तो गनीमत रहा की बड़ी घटना नहीं हुई अन्यथा कौन जिम्मेदार होता.
लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर ,छपरा नगर निगमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है