20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नगर निगम के 18 महीने बर्बाद कर दिये नगर आयुक्त ने : मेयर

हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता सुनील कुमार के केस नंबर सीडब्ल्यूजेसी 10962/23 पर फैसला दे दिया है. इसको लेकर मेयर काजल कुमारी ने शुक्रवार अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं.

सासाराम नगर. हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता सुनील कुमार के केस नंबर सीडब्ल्यूजेसी 10962/23 पर फैसला दे दिया है. इसको लेकर मेयर काजल कुमारी ने शुक्रवार अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. नगर आयुक्त ने निगम के 18 महीने बर्बाद कर दिये, खुद को सर्वोपरी मानने में. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. हाइकोर्ट ने सुनील कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर आयुक्त को दो माह के अंदर हटाने और उनके कार्यों की जांच कराने को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग को निर्देशित किया है. कोर्ट ने इस केस पर सुनवाई करते हुए नगरपालिका अधिनियम 36 (4) पर अपनी टिप्पणी की है कि इसके तहत सशक्त स्थायी समिति को नगर आयुक्त की सेवा वापसी का अधिकार दिया गया है. मेयर ने कहा कि अब तक नगर आयुक्त सशक्त स्थायी समिति के निर्णयों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से शहर के कई विकास कार्य प्रभावित हैं. वहीं, अपनी मनमानी से नगर आयुक्त ने 36 से अधिक कार्यादेश निर्गत किये हैं, जिन्हें कुछ लुटेरे गैंग के लोग करा रहे हैं, जिसकी लागत करीब 1.66 करोड़ रुपये है. इन कार्यों के भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. फिर भी वह भुगतान करते हैं, तो उन्हें अपनी जेब से करना होगा, क्योंकि नगर निगम के पैसों पर शहरवासियों का अधिकार है. न की नगर आयुक्त के लुटेरे गैंग के सदस्यों का है. इन कार्यों में अगर निगम के कर्मचारियों की संलिप्तता पायी जायेगी, तो उन पर भी कार्रवाई की जायेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में याचिकाकर्ता सुनील कुमार, वार्ड संख्या-06 के पार्षद सरोज कुमार, पार्षद प्रतिनिधि विवेक कुमार व अन्य मौजूद थे.

12 माह बाद भी नहीं बना फुट ओवरब्रिज

नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति के कई ऐसे निर्णय हैं, जिन्हें 12 माह बाद भी नगर आयुक्त ने धरातल पर नहीं उतारा है और न ही इस संबंध में कोई संचिका मेयर तक भेजी है. मेयर ने कहा कि कई ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें धरातल पर उतारने का प्रयास उस स्तर पर नहीं किया गया, जिस तेजी से पार्षदों ने निर्णय लिया था, जिसमें फुट ओवरब्रिज महत्वपूर्ण है. निगम की ओर से बैरकेडिंग, यूटर्न और नो इंट्री के समय में किये गये बदलावों को जिला प्रशासन के आदेश पर लागू कर दिया. लेकिन, फुट ओवरब्रिज बनाने पर विचार नहीं किया गया, जिससे अब भी लोग बैरिकेडिंग के रस्सी को हटाकर सड़क पार करते हैं. इसके अलावा सैरातों की बंदोबस्ती मनमानी से की गयी.

36 योजनाओं के अलावा तीन शौचालयों की निविदा की गयी है रद्द

36 योजनाओं के अलावा नगर निगम क्षेत्र में बन रहे तीन डीलक्स शौचालयों की निविदा रद्द की गयी है. इन शौचालयों की निविदा निकालने से पहले न तो बोर्ड और न ही स्टैंडिंग से स्वीकृति ली गयी थी. इनका निर्माण वार्ड संख्या-44 में नहौना मोड, अमरा तालाब के पास, तकिया ओवरब्रिज के पास सर्वे वार्ड संख्या-02 में और शेरशाह रौजा मकबरा के पूरब सर्वे वार्ड संख्या-22 में किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें