छपरा. नगर निगम क्षेत्र में करोड़ों की लागत से चल रहे ड्रेनेज निर्माण में बुडको एजेंसी के द्वारा बरती गयी लापरवाही के 10 बड़े कारण जांच कमेटी ने डीएम के सामने रखा था और स्पष्ट कहा था कि योजना में मनमानी की गयी है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व नगर आयुक्त सुमित कुमार के नेतृत्व में गठित टीम की 28 पन्ने की जांच रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई नहीं होना नगर विकास विभाग की कार्य शैली पर प्रश्न खड़ा कर रहा है. सबसे बड़ी बात है कि बिना सिल्ट की सफाई किये हुए नाला निर्माण शुरू कर दिया गया. बल्कि नाले के किनारे के सिल्ट को नाले में ही डाल दिया गया, जिससे जल निकासी के व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो सकी. नल की सफाई के नाम पर विभाग को डीआइजी भ्रमित करते हुए करोड़ों रुपये की राशि की मांग की गयी. ऐसे में नगर निगम का लाखों रुपया सफाई पर तब तक खर्च हो गया. यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि खनूआ ड्रेनेज के दोनों तरफ खाली भूखंड पर पीसीसी सड़क बनाने का प्रावधान है जबकि ड्रेनेज निर्माण के क्रम में निकल गए सिल्ट एवं कचरा को ही ड्रेनेज के दोनों तरफ डालकर भर दिया गया. प्राक्कलन के अनुसार सेट को अन्य जगहों पर फेंका जाना था लेकिन प्लास्टिक यानी पॉलिथीन युक्त कचरा से सड़क को भर दिया गया. ऐसे में सड़क बनता है तो कतई टिकाऊ नहीं होगा. इसमें अनियमितता की बू आ रही है.
ये भी अनियमितता आयी थी सामने
जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि शहर के तीन कोनिया से करीम चक खनुआ ड्रेनेज बनाने का कार्य व सफाई कर जे को करना था किंतु नगर निगम छपरा में जलजमाव न हो इसके लिए नगर निगम द्वारा सफाई कार्य कराया गया है. जबकि बुडको के प्रकरण में सफाई का प्रावधान है ऐसे में राशि कहां गया. इसके आगे भी रूपगंज के तरफ आइपीएस वन में 35 मीटर निर्माण होना बाकी रह गया है एवं बुडको के द्वारा वहा भी सफाई नहीं की गई है जो कि जल जमाव का कारण बना.थाना चौक से नगर निगम चौक के बीच भी निर्माण में आयी समस्या
अधिकारियों की टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि खनुआ ड्रेनेज का स्थल निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि थाना चौक से नगर पालिका चौक के बीच सुलभ शौचालय के पास सड़क के दोनों तरफ लगभग तीन फीट ऊंचा खनुआ ड्रेनेज का निर्माण किया गया है. सड़क पर आरसीसी कलवर्ट नहीं बनाने के कारण पानी का बहाव धीमी गति से होता है. यहां ड्रेनेज के निर्माण नहीं होने से जल निकासी में काफी समय लगता है. साथ ही बारिश के तुरंत बाद पानी का अत्यधिक दबाव होता है. एवं निरंतर बहाव को क्रॉस ड्रेन आसानी से निकासी नहीं कर पाता है जिस कारण शहर के नगर पालिका चौक से थाना चौक डाक बंगला रोड में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो रही है.पूरी योजना या पुनरीक्षित योजना एक नजर में
– प्रशासनिक स्वीकृति: 29.95 करोड़– तकनीकी स्वीकृति: 28.37 करोड़
– इकरारनामा की राशि :27.38 करोड़– कार्य समाप्ति: 21 फरवरी 2021- स्वीकृत समय वृद्धि :31 मार्च 2022- अनुमोदित निर्माण कार्य: 1750 मी ड्रेनेज- 1085 मी नाला निर्माण के लिए: 29.85 करोड़
– 1750 मी के लिए पुनरीक्षित राशि 50.87 करोड़– 3.33% कम दर पर राशि 49.10 करोड़
– प्रशासनिक स्वीकृति से विचलन प्रतिशत 64.20- एकरनामा से विचलन का प्रतिशत 79. 62%डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है