Chhapra News : नये साल में भी होल्डिंग टैक्स से राहत के नहीं आसार

Chhapra News : साल 2025 शुरू हो चुका है और इस साल में भी नगर निगम क्षेत्र के 55 हजार होल्डिंग धारकों को भारी भरकम होल्डिंग टैक्स से निजात मिलने वाला नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 9:59 PM

छपरा. साल 2025 शुरू हो चुका है और इस साल में भी नगर निगम क्षेत्र के 55 हजार होल्डिंग धारकों को भारी भरकम होल्डिंग टैक्स से निजात मिलने वाला नहीं है. शहरवासियों को महापौर ने भी इस होल्डिंग टैक्स से निजात नहीं दिलाया. नतीजतन लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि जिस दावे के साथ चुनाव में यह जीत कर आये थे वह दावा धीरे-धीरे हवा साबित हो रहा है. लोगों का कहना है कि छपरा नगर निगम बहुत बड़ा शहर नहीं है और यहां के लोग बहुत ज्यादा कमाने वाले भी नहीं है, ऐसे में इतने भारी भरकम टैक्स को जमा करने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं. हद तो तब हो जा रही है की जिनकी झोपड़ी है या खाली जमीन है उन पर भी दबाव बनाया जा रहा है.

पक्का मकान आरसीसी छत वाला का रेट

पक्का मकान यदि छतदार है और पूरी तरह से व्यावसायिक है 36, अन्य के लिए 24 और पूर्णतः आवासीय है तो 12 प्रति वर्ग फीट के हिसाब से देना होता है. यदि मेन रोड पर यह परिसंपत्तियों है तो क्रमशः 24, 16 और 8 के हिसाब देना है. अन्य सड़कों पर यह परिसंपत्तियों है तो क्रमशः 14 रुपया, 09 रुपया और 05 के दर से देना है. इसी तरह यदि मकान पक्का है और एस्बेस्टस या टीन का शेड है तो प्रधान सड़क के लिए पूर्णत कमर्शियल रेट 18, 12 और 6, मुख्य सड़क पर 15 10 और 5 तथा अन्य सड़क पर 07 रुपये 5 और 3 के दर से लिया जा रहा है.

कच्चा मकान फूस का छत

तीसरी रूप के मकान में कच्चा मकान जिसका छत मिट्टी या फूस का बना हो उसके लिए प्रधान सड़क पर यदि यह मकान है तो क्रमशः 09, 06 और 03, मेन रोड पर मकान है तो क्रमशः 08, 05 और 03 रेट निर्धारित है जबकि अन्य सड़कों पर स्थित ऐसे मकान के लिए क्रमशः 06 रुपया, 04 रुपया और 02 रेट निर्धारित है.

क्या कहते हैं शहरवासी

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाले हालत हो गये हैं. नगर निगम ने टैक्स इतना भारी भरकम कर दिया है कि अब तो घर में रहना भी मुश्किल हो गया है.

उमानाथ प्रसाद, साहेबगंज सोनार पट्टी

चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए गए थे की होल्डिंग टैक्स घटाया जायेगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया. ऐसे में अब तो नये साल में भी निराशा ही हाथ लगी है.

अनूप कुमार जायसवाल, योगिनिया कोठीयह शहर बहुत बड़ा शहर नहीं है कि व्यावसायिक रूप से बहुत ज्यादा आमदनी वाले लोग रहते हैं. ऐसे में टैक्स का निर्धारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए था. संतोष कुमार, मोना सांढ़ा,

हम लोग गरीब हैं झोपड़ी में रहते हैं, फिर भी 5000 का होल्डिंग टैक्स बताया जा रहा है. अब हम लोग कहां जाएं.

सावित्री देवी, गुदरी बाजार, छावनी

क्या कहते हैं महापौर

इस मसले पर विचार विमर्श किया जा रहा है. बोर्ड की बैठक में इस मामले को रखा जायेगा और लोगों को राहत देने का प्रयास होगा. लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगम छपरा

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