Chhapra News : खेतों में अब ड्रोन से होगा उर्वरक का छिड़काव
Chhapra News : सारण के किसान अब आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर खेती बाड़ी करेंगे. वह अब परंपरागत खेती-बाड़ी को दरकिनार करते हुए कम समय में अच्छा उत्पादन करेंगे. इसकी तैयारी कृषि विभाग ने शुरू कर दी है
छपरा. सारण के किसान अब आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर खेती बाड़ी करेंगे. वह अब परंपरागत खेती-बाड़ी को दरकिनार करते हुए कम समय में अच्छा उत्पादन करेंगे. इसकी तैयारी कृषि विभाग ने शुरू कर दी है और इसी क्रम में सहकारी बिक्री केंद्र प्रभारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया जा चुका है अब किसानों को ट्रेनिंग दी जायेगी. इसने तकनीक का मुख्य उद्देश्य तरल उर्वरकों एवं कीटनाशकों के खेतों में प्रयोग को बढ़ावा देना तथा रासायनिक दानेदार उर्वरकों पर किसानों की निर्भरता को कम करना है. साथ ही, उत्पादकता और गुणवत्ता बनाए रखना है. दो दिन पहले हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिस्कोमान, एफपीओ और आईएफएफडीसी के लगभग 190-200 प्रभारी उपस्थित थे. इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक सचिन प्रताप सिंह ने नैनो उर्वरकों के प्रयोग, उनकी सावधानियों और लाभों की जानकारी दी थी भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड के प्रबंधक मिश्रा ने उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की जानकारी दी थी और बताया था कि नैनो डीएपी का प्रयोग सीड में किया जाता है. इसके बाद यह तमाम जानकारी किसानों को दी जाएगी जिसके आधार पर छिड़काव करेंगे.
दो हजार एकड़ में छिड़काव का लक्ष्य
जिले में दो हजार एकड़ में ड्रोन से छिड़काव का लक्ष्य रखा गया है, जैसे-जैसे किसने की ट्रेनिंग हो रही है छिड़काव भी हो रहा है जिसमें अब तक 150 एकड़ में छिड़काव किया जा चुका है. इस पहल में किसानों की भागीदारी बढ़ रही है और अब तक लगभग 350 किसान आवेदन कर चुके हैं. यदि कोई किसान दलहन, तिलहन, मक्का या गेहूं की फसलों पर तरल उर्वरक या कीटनाशक का छिड़काव करवाना चाहता है, तो वह संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार या प्रखंड कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकता है. जिला कृषि पदाधिकारी श्याम बिहारी सिंह ने सभी केंद्र प्रभारियों को सबसे पहले अपने खेतों में तरल उर्वरकों का उपयोग करने और किसानों को इसका प्रदर्शन करके जागरूक करने के निर्देश दिए है.छिड़काव के बताये जा रहे हैं फायदे
किसानों को इफको के विभिन्न तरल और जैविक उत्पादों के उपयोग तथा पौधों के विकास और उत्पादन पर उनके प्रभाव की विस्तृत जानकारी दी जा रही है. दानेदार और तरल उर्वरकों के अंतर बताय जा रहा है कि फसलों के उर्वरक प्रबंधन के लिए तरल उर्वरकों का उपयोग दूसरी बार आवश्यक होता है. किसानों की मांग के अनुरूप अब 250 मिली पैक में भी तरल उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है. पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों और उनकी कमी से होने वाले लक्षणों की जानकारी दी जा रही है. तरल उर्वरकों का छिड़काव कब और किस अवस्था में करना चाहिए तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्व बताया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है