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हाइटेक मार्केट के निर्माण में पुराने ईंट का हो रहा इस्तेमाल, जिम्मेदार हैं मौन

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम व बाजार समिति के स्थानीय पदाधिकारियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, विघटित बाजार समिति परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से चल रहा निर्माण कार्य

छपरा (सदर).

विघटित कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर में पुराने ढ़ांच को तोड़ कर हाइटेक मॉर्केट बनाने का काम चल रहा है. यह कार्य बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की देख-रेख में संजय कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है. जिसके तहत प्रशासनिक भवन के अलावे विभिन्न प्रकार के मार्केट कम्पलेक्स बनाने है. इस बीच निर्माण कंपनी के पदाधिकारियों के कारगुजारियों एवं इसके निरीक्षण से जुड़े पदाधिकारियों की कथित उदासीनता के कारण पुराने ईंट का उपयोग धड़ल्ले से कंपनी के तकनीकी एवं गैरतकनीकी कर्मियों द्वारा निर्माण में किया जा रहा है. जिससे कार्य की गुणवत्ता को लेकर आसपास के व्यवसायी एवं आमजन सवाल उठा रहे हैं. वहीं एक कृषि उत्पादन बाजार समिति प्रशासन के राजस्व की भी क्षति हो रही है. परंतु, स्थानीय पदाधिकारी इसे देखने की जरूरत नहीं समझते है.

पुराने ढांचे को तोड़ कर टेंडर से बेचने का है एग्रीमेंट

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना प्रबंधक सुशील कुमार की माने तो निर्माण कंपनी को बाजार समिति परिसर के पुराने ढ़ांचे को तोड़ कर उससे निकलने वाले ईंट को एक तरफ रख देना है. जिसे टेंडर के द्वारा निलामी की जानी है. परंतु, प्रारंभ में तो स्थानीय पदाधिकारियों एवं संवेदक की उदासीनता के कारण लाखों रुपये मूल्य के ईंट गायब कर दिये गये. वहीं बाद में जब ईंट के गायब होने से रोकने के लिए जगह-जगह चाहरदीवारी तैयार की गयी तो अब कंपनी के द्वारा ही निर्माण की बुनियाद में पुराने ईंटों का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. आसपास के लोगों की सूचना के बाद प्रस्तावित ननवेज मॉर्केट के नींव तैयार करने के दौरान बड़ी संख्या में पुराने ईंटों का उपयोग कंपनी के तकनीकी एवं गैर तकनीकी पदाधिकारियों द्वारा किये जाने की सच्चाई का पता चला. वहीं पुल निर्माण निगम के इससे जुड़े कनीय पदाधिकारी इस दिशा में कुछ भी बताने से परहेज करते दिखे. मालूम हो कि बाजार समिति परिसर में पुराने ढ़ांचे को तोड़कर प्रशासनिक भवन, धर्मकांटा, चालकों के लिए शीड, ननवेज मॉर्केट, सब्जी मॉर्केट आदि बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य करना है. जिसे लेकर विगत तीन महीने से कार्य भी चल रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी

संबंधित निर्माण कंपनी को पुराने ढ़ांचे को तोड़ने के बाद ईंट का उपयोग नवनिर्माण में नहीं करना है. यदि उसके द्वारा ऐसी कारगुजारी की जाती है तो जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. वहीं संबंधित वरीय पदाधिकारियों को भी सूचित किया जायेगा.- सुशील कुमार, वरीय परियोजना अभियंता, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, सारण

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