Saran News : 50 दिनों में महज 12694 एमटी धान की हुई खरीद
जिले में धान खरीदारी की प्रक्रिया एक नवंबर से शुरू है. धान की खरीद की प्रक्रिया काफी धीमी है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 50 दिनों में अभी तक महज 12694 मैट्रिक टन धान की खरीद हुई है. खरीद की प्रक्रिया 15 फरवरी तक किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जानी है.
छपरा. खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 अंतर्गत जारी धान की खरीदारी प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से मंगलवार को भिखारी ठाकुर प्रेक्षा गृह, में सभी पैक्स एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष या प्रबंधकों की एक दिवसीय कार्यशाला की गयी. जिलाधिकारी अमन समीर ने अपने संबोधन में कहा कि सभी चयनित पैक्स या व्यापार मंडल किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए धान की खरीदारी के कार्य में पूरी पारदर्शिता के साथ तेजी लाने का प्रयास करें. धान की खरीदारी में सभी पैक्स या व्यापार मंडल को अपेक्षित सक्रिय सहयोग देना होगा. कार्यशाला में खरीदारी की प्रक्रिया एवं लक्ष्य के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी. इस अवसर पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. धान खरीदारी की प्रक्रिया एक नवंबर से शुरू है, लेकिन सारण में धान की खरीद की प्रक्रिया काफी धीमी है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 50 दिनों में अभी तक महज 12694 मैट्रिक टन धान की खरीद हुई है. धान की खरीद की प्रक्रिया 15 फरवरी तक किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जानी है. 15 जून तक सीएमआर जमा करने की अवधि निर्धारित है. जिले में धान की खरीदारी के लिए पिछले साल के लक्ष्य के आधार पर 113248 एमटी का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभी तक 1478 किसानों से 12694 एमटी धान की खरीदारी की गयी है. जिले में अभी तक 18800 किसानों का निबंधन धान खरीदारी के लिए किया गया है.
किसानों के लिए यह तय है दर
इस वर्ष सामान्य धान के लिए 2300 प्रति क्विंटल तथा ग्रेड ””ए”” धान के लिए 2320 प्रति क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित है. प्रति रैयत किसान से अधिकतम 250 क्विंटल तथा प्रति गैर रैयत किसान से अधिकतम 100 क्विंटल धान क्रय किया जा सकता है. किसानों की पहली पसंद सरकारी दर पर धान बेचना है, क्योंकि बाजार में उन्हें 1700 से 1900 के बीच रेट मिल रहे हैं, जबकि सरकार की ओर से 23 00 का रेट मिल रहा है. परेशानी यह है कि किसानों को सही समय पर पैसा नहीं मिलता है जिस वजह से वह व्यवसायियों के हाथों धान बेच दे रहे हैं जिससे लक्ष्य प्राप्ति में बाधा पहुंच रही है.32 राइस मिलों का किया गया है चयन
इस वर्ष अभी तक जिले के 247 पैक्स या नगर पैक्स तथा 11 व्यापार मंडल धान की खरीदारी के लिए चयनित किये गये हैं. धान खरीदारी के तहत सीएमआर के लिए 32 राइस मिलों का निबंधन किया गया है.इन अधिकारियों के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई
लक्ष्य के अनुरूप धान खरीदारी में लापरवाही बरतने वाले आधा दर्जन प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है. अबतक के लक्ष्य का 25 प्रतिशत से कम खरीदारी करने वाले सभी प्रखंडों दिघवारा, लहलादपुर, मकेर, नगरा, परसा, रिविलगंज एवं सोनपुर के बीसीओ से स्पष्टीकरण पूछा गया है. हालांकि धान खरीद की धीमी प्रक्रिया के पीछे कई कारण बताये जा रहे हैं. इनमें मुख्य रूप से देरी से धान की रोपाई, बाढ़ के कारण कई हेक्टेयर के फसल डूब जाने और कई जगह सूखे की स्थिति उत्पन्न होना बताया जा रहा है. इनसे भी सबसे बड़ा कारण पैक्स चुनाव रहा, जिसके कारण प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया. किसानों तक बात नहीं पहुंच पायी. अधिकारी और पैक्स समिति के प्रतिनिधि चुनाव में व्यस्त रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है