Saran News : छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक व पीजी के मूल प्रमाण पत्रों को अब अर्जेंट मोड में उपलब्ध कराया जायेगा. इस समय विश्वविद्यालय में प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राएं डिग्री सर्टिफिकेट के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें से कई ऐसे छात्र-छात्राएं हैं. जिन्हें मूल प्रमाण पत्र की अधिक आवश्यकता है. कई छात्रों को विभिन्न नौकरियों में वेरिफिकेशन के दौरान मूल प्रमाण पत्र संलग्न करना होता है. वहीं कई छात्रों को दूसरे कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए भी मूल प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है. लेकिन विश्वविद्यालय में इस समय कई तकनीकी समस्याओं के कारण निर्धारित समय पर डिग्री नहीं उपलब्ध हो पा रही है. ऐसे में रजिस्ट्रार प्रो नारायण दास ने निर्देश जारी किया है कि जिन छात्रों को तत्काल एक से दो दिनों में डिग्री की बहुत अधिक आवश्यकता है. वह विश्वविद्यालय में आकर सीधे आवेदन देंगे. उनके आवेदन में यदि तत्काल डिग्री उपलब्ध कराने का कारण वाजिब पाया गया तो एक से दो दिनों में मूल प्रमाण पत्र दे दिया जायेगा. इसके लिए आवेदन के साथ सभी एकेडमिक कागजातों को संलग्न करना होगा. साथ ही निर्धारित 500 रुपये शुल्क भी विश्वविद्यालय के काउंटर पर जमा करना होगा. विश्वविद्यालय का प्रयास है कि तत्काल एक दिन में ही डिग्री दे दी जाये. लेकिन तत्काल के लिए भी दो से तीन दिन का समय लिया जा रहा है.
Saran News : सभी 50 हजार से अधिक डिग्रियां हैं पेंडिंग
विश्वविद्यालय में डिग्री तैयार करने का कार्य पिछले साल तक यूएमआइएस एजेंसी कर रही थी. लेकिन गत वर्ष नवंबर माह से यूएमआइएस एजेंसी ने काम बंद कर दिया. जिसके बाद अब विश्वविद्यालय अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. लेकिन अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से डिग्रियों को प्रिंट करने में काफी समय लग रहा है. इस समय स्नातक के करीब पांच सत्र व पीजी के दो सत्रों को मिलाकर 50 हजार के करीब डिग्री पेंडिंग है. प्रतिदिन दो से तीन सौ डिग्री इस समय रिलीज की जा रही है. हालांकि हर दिन डिग्री के लिए करीब दो सौ नये आवेदन मिल रहे हैं. एक दिन में सभी आवेदनों का निबटारा कर पाना मुश्किल है. ऐसे में अब प्राथमिकता के आधार पर जिन छात्रों को तत्काल डिग्री की जरूरत है. उनसे आवेदन लिया जा रहा है और आवेदन के आधार पर एक से दो दिनों में डिग्री उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा है.
ये है मूल प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सामान्य प्रक्रिया
सामान्य प्रक्रिया के तहत छात्रों को सबसे पहले विवि के वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है. विवि के वेबसाइट पर ऑनलाइन मूल प्रमाण पत्र, माइग्रेशन व प्रोविजनल प्रमाण पत्र के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करने के बाद एक पेज खुलेगा. इस पेज पर छात्र-छात्राएं रजिस्ट्रेशन के लिए क्लिक करेंगे. यहां सत्र से सम्बंधित सभी जानकारी अपलोड करने के बाद छात्रों को एक रजिस्ट्रेशन नम्बर दिया जायेगा. इसके साथ एक निर्धारित अवधि दी जाती है. निर्धारित अवधि में छात्रों को प्रमाण पत्र प्राप्त हो जायेगा. हालांकि कुछ छात्र संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात भी डिग्री लेने के लिए छात्रों को तीन से चार माह का इंतजार करना पड़ता है. फिर भी बिना विश्वविद्यालय का चक्कर लगाये डिग्री नहीं मिल पाती. ऐसे में अब तत्काल डिग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्था से छात्रों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.
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