सड़कों पर फर्राटे से दौड़ रहे ओवरलोडेड वाहन
शहरी क्षेत्र में वाहनों को ओवरलोड कर चलाया जाना आम बात हो गयी है. खासकर शहर के प्रमुख बाजारों से जिन कमर्शियल वाहनों का परिचालन होता है. उनकी छतों पर तय मानक से अधिक सामान रखा जा रहा है.
छपरा. शहरी क्षेत्र में वाहनों को ओवरलोड कर चलाया जाना आम बात हो गयी है. खासकर शहर के प्रमुख बाजारों से जिन कमर्शियल वाहनों का परिचालन होता है. उनकी छतों पर तय मानक से अधिक सामान रखा जा रहा है. कई जगहों पर तो ओवरलोड पिकअप व ट्रैक्टर का धड़ल्ले से परिचालन हो रहा है. इतना ही नहीं शहर में ऑटो व इ रिक्शा की छतों पर भी सामान रखकर एक मुहल्ले से दूसरे मुहल्ले तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इस समय शहर में कई प्रमुख सड़के विभिन्न निर्माण कार्यों के चलते जर्जर हैं. ऐसे में ओवरलोड वाहनों के परिचालन से अक्सर दुर्घटना होते रहती है. उसके बाद भी ओवरलोड कर वाहन चलाने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. शहर के सरकारी बाजार, मौना, फल मंडी, सब्जी मंडी, गुदरी आदि इलाकों से रोजाना कई वाहनों पर अधिक मात्रा में सामान रख दिया जाता है और बाजार से इन्हें शहर के विभिन्न इलाकों तक पहुंचाया जाता है. ट्रैक्टर का इस्तेमाल अधिकतर बालू, गिट्टी या अन्य निर्माण सामग्री ढोने में किया जाता है, लेकिन शहर के सरकारी बाजार व मौना के थोक किराना मंडियों से विभिन्न ग्रामीण इलाकों तक सप्लाइ होने वाले सामानों को ढोने के लिए भी ट्रैक्टर का इस्तेमाल हो रहा है.
सवारी वाहनों में भी बैठाये जाते हैं अधिक यात्री
वाहनों को ओवरलोड कर सिर्फ समान ही नहीं ढोया जा रहा, बल्कि सवारी वाहनों में तय सीट से अधिक यात्री भी बैठाये जा रहे हैं. शहर में जितने भी इ रिक्शा चल रहे हैं. उनमें अधिकतर ओवरलोड होकर चलाये जा रहे हैं. इ रिक्शा चार या पांच सीटर है. लेकिन कई जगहों पर इ रिक्शा में छह से सात लोगों को बैठाकर चलाया जा रहा है. इसके अलावा शहर में जितने भी ऑटो चलते हैं. उन सब पर निर्धारित सीट से अधिक यात्री बैठाये जा रहे हैं. शहर के विभिन्न बस स्टैंड व यात्री पड़ाव से होकर गुजरने वाली बसों तथा अन्य सवारी वाहनों की छतों पर यात्रियों को बैठाने का सिलसिला जारी है.सबसे बड़ी बात यह है कि शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी निर्धारित है. यह सभी ओवरलोड वाहन ट्रैफिक कर्मियों के सामने से ही गुजर जाते हैं. लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. जबकि जिला परिवहन विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि ओवरलोड वाहनों का परिचालन नहीं होना चाहिये. ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई होनी चाहिये और वाहन का परमिट भी रद्द किया जाना है. इसके बावजूद भी ओवरलोड वाहनों के परिचालन में कमी नहीं आ रही है. शहर में इस समय लगभग सभी सड़के जर्जर हैं. विभिन्न निर्माण योजनाओं के कारण शहर की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हैं. ऐसे में ओवरलोड वाहनों के असंतुलित होकर पलटने का खतरा बना रहता है. ओवरलोड वाहनों के चलने से उसके अगल-बगल से गुजर रहे दूसरे यात्री वाहनों के दुर्घटना का शिकार होने का भी खतरा बना हुआ है. यातायात थाना प्रभारी रामबालक यादव ने कहा कि पिछले सप्ताह ही ओवरलोड वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी. जिसमें जुर्माना भी वसूला गया है. कई जगहों पर बैरिकेडिंग करा कर वाहनों की जांच भी करायी जा रही है.
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