Loading election data...

व्हील चेयर व स्ट्रेचर से मरीजों को ले जाने में हो रही परेशानी

सदर अस्पताल के भीतरी परिसर के सड़कों पर जगह-जगह रुकावट है. कई जगह सड़के उबड़-खाबड़ हैं. वहीं कुछ जगहों पर तो परिसर के सतह को एक बराबर नहीं बनाया गया है. ऐसे में इमरजेंसी विभाग से ओपीडी, अल्ट्रासाउंड, जांच केंद्र आदि विभागों तक जाने के लिए स्ट्रेचर व व्हीलचेयर को ले जाने में काफी परेशानी होती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 5, 2024 9:55 PM

छपरा. सदर अस्पताल के भीतरी परिसर के सड़कों पर जगह-जगह रुकावट है. कई जगह सड़के उबड़-खाबड़ हैं. वहीं कुछ जगहों पर तो परिसर के सतह को एक बराबर नहीं बनाया गया है. ऐसे में इमरजेंसी विभाग से ओपीडी, अल्ट्रासाउंड, जांच केंद्र आदि विभागों तक जाने के लिए स्ट्रेचर व व्हीलचेयर को ले जाने में काफी परेशानी होती है. जो मरीज दिव्यांग होते हैं और अपने व्हील चेयर से सदर अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं. उन्हें जांच के लिए या अल्ट्रासाउंड के लिए जाने में जगह-जगह रुकावट मिलती है. परिजन मुश्किल से व्हीलचेयर व स्ट्रेचर ले जा पाते हैं. व्हीलचेयर के चक्के फंस जाते हैं. जिस कारण कई बार तो परिजनों को मरीजों को गोद में उठाकर ही दूसरे विभाग तक ले जाना पड़ता है. इमरजेंसी में आये मरीज को भी स्ट्रेचर से दूसरे विभाग तक के लिए जाने में उनके नीचे गिरने का खतरा बना रहता है. ऐसे में परिजन उन्हें स्ट्रेचर से नहीं ले जाकर टांगकर या गोद में उठाकर ही दूसरे वार्ड तक ले जाने को मजबूर दिखते हैं. परिजनों का कहना है कि सदर अस्पताल के भीतरी परिसर में जो ग्राउंड है. उसकी ढलाई सीमेंट से करायी गयी है. लेकिन कई जगहों पर वह टूट गया है. कई जगहों पर सड़क समतल नहीं है. जिस कारण मरीज को एक जगह से दूसरे तक नहीं ले जा सकते. वहीं बरसात के दिनों में भी अस्पताल परिसर में जल जमाव की समस्या देखी जाती है. जिस कारण भी मरीज को एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. कुछ मरीजों व उनके परिजनों ने बताया कि इमरजेंसी विभाग में एक सेकंड इंट्रेंस मौजूद है. जो सीधे अल्ट्रासाउंड व ओपीडी विभाग की ओर जाता है. लेकिन उसे नियमित तौर पर नहीं खोला जाता है. यदि उसे खोल दिया जाये तो इमरजेंसी से सीधे अल्ट्रासाउंड और जांच केंद्र तक जाने में परेशानी नहीं होगी. अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. इसका विशेष ख्याल रखा जायेगा. जहां सड़क उबड़-खाबड़ है. उसका मेंटेनेंस कराया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version