अंडरपास का निर्माण शुरू होते ही श्यामचकवासियों में खुशी की लहर
छपरा शहर के वार्ड दो के श्यामचक मुहल्ले के निवासियों में इन दिनों एक अलग ही खुशी देखी जा रही है. यह खुशी उनके छह साल के आंदोलन से निकला परिणाम है. दरअसल रेलवे द्वारा रेलवे फाटक के ऊपर जो रेल ओवरब्रिज बनाया जा रहा था उसमें कहीं भी अंडरपास के लिए जगह नहीं छोड़ी गयी थी.
छपरा शहर के वार्ड दो के श्यामचक मुहल्ले के निवासियों में इन दिनों एक अलग ही खुशी देखी जा रही है. यह खुशी उनके छह साल के आंदोलन से निकला परिणाम है. दरअसल रेलवे द्वारा रेलवे फाटक के ऊपर जो रेल ओवरब्रिज बनाया जा रहा था उसमें कहीं भी अंडरपास के लिए जगह नहीं छोड़ी गयी थी. इससे स्थानीय निवासियों में बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य, रोजी रोजगार, आवागमन आदि को लेकर टेंशन व्याप्त हो गया था. करीब पांच हजार लोगों की रात की नींद और दिन का चैन छिन गया था, लेकिन 2018 से अंडरपास के लिए शुरू हुई लड़ाई 2024 के मई महीने में कामयाब हो गयी और अंडरपास का निर्माण शुरू हो गया. अंडरपास का निर्माण होते ही सभी के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. स्थानीय लोगों में सुरेंद्र सौरव, मिथिलेश दसिल, विजय राय, अशोक कुमार, रविशंकर, हरि राय, शैलेंद्र कुमार, राजीव रंजन, अमित कुमार, पार्षद नेहा देवी, उमेश राय, विपिन राय, सुधांशु राय, दिनेश प्रसाद, गौतम कुमार, परशुराम राय, संजीत कुमार आदि ने बताया कि अंडरपास का निर्माण शुरू हो गया है. ढलाई के लिए सरिया बांधे जा रहे हैं. जल्द ही यह अंडरपास तैयार हो जायेगा और हम सब की परेशानी दूर हो जायेगी. राष्ट्रीय उच्च पथ 331 में श्याम चक्र निकट रेलवे लाइन के ऊपर रेल ओवरब्रिज निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही स्थानीय लोग टेंशन में आ गये थे. वैसे तो निर्माण कर का शुभारंभ 2014 में हुआ था, लेकिन परेशानी 2020 के बाद बढ़नी शुरू हो गयी जब उत्तर और दक्षिण के निवासियों को बांट दिया गया और एक दूसरे से संपर्क तोड़ दिया. एक दूसरे से संपर्क की दूरी को एक से डेढ़ किलोमीटर में तब्दील कर दिया गया था. तब लोगों का कहना था कि रेल ओवरब्रिज के दोनों साइड में घनी आबादी है और निर्माण अधीन ओवरब्रिज में कहीं पर भी अंडरपास नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में कई सरकारी विद्यालय, स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी केंद्र, कई प्राइवेट स्कूल और अस्पताल का लाभ लेने में लोगों और बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. छोटे-छोटे बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो गया है जो लोग कृषि कार्य के लिए पास के चवर में जाते थे वह भी किसान परेशान है. बहुत बड़ी आबादी किसी भी लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने से वंचित हो जायेगी.
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