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अकिलपुर में बिजली पहुंचने से बदला लोगों का जीवन

सारण जिले के दिघवारा प्रखंड की 10 पंचायतों में एक पंचायत है अकिलपुर. यह गंगा के पार है. भौगोलिक दृष्टिकोण से यह पंचायत दोनों ओर से गंगा नदी से घिरी हुई है. इस पंचायत की बनावट बिल्कुल एक टापू जैसी है. लगभग 20 हजार की आबादी वाली इस पंचायत में 9868 वोटर हैं. इस पंचायत के लोगों की आजीविका का मुख्य आधार कृषि है.

सारण जिले के दिघवारा प्रखंड की 10 पंचायतों में एक पंचायत है अकिलपुर. यह गंगा के पार है. भौगोलिक दृष्टिकोण से यह पंचायत दोनों ओर से गंगा नदी से घिरी हुई है. इस पंचायत की बनावट बिल्कुल एक टापू जैसी है. लगभग 20 हजार की आबादी वाली इस पंचायत में 9868 वोटर हैं. इस पंचायत के लोगों की आजीविका का मुख्य आधार कृषि है.

यह पंचायत जिले में सब्जी व फूलों के उत्पादन में एक अहम स्थान स्थान रखती है. कल तक यह पंचायत विकास के दृष्टिकोण से काफी पीछे थी और इस पंचायत के लोग काला पानी का जीवन जीने जैसी सजा भुगतते थे. यहां विकासात्मक कार्यों की गति काफी मंद थी और सरकारी योजनाएं तो पंचायत में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती थीं, मगर केंद्र में मोदी की सरकार और राज्य में नीतीश की सरकार ने जब अपनी योजनाओं को पंचायत में लागू किया तो लोगों की जीवन दशा ही बदल गयी. पंचायत में अब तक कई ऐसे विकासात्मक कार्य हुए हैं जिससे न केवल पंचायत के लोगों का पलायन रुका है, बल्कि लोगों का सरकार पर भरोसा भी बढ़ा है.

दिघवारा में गंगा नदी पर बने चचरी पुल व पटना के दानापुर के रास्ते गंगा नदी पर बने पीपा पुल के सहारे पहुंचा जा सकता है. यहां तक आवागमन की अच्छी सुविधा नहीं है. दिघवारा के सामने गंगा नदी पर चचरी पुल बनाया जाता है जिसके सहारे पांच से छह महीने तक वाहनों का आवागमन होता है. इसी के सहारे दिघवारा तक लोगों के अलावा कृषि उत्पाद पहुंचते हैं. नदी का जल स्तर बढ़ने से ये पुल बह जाते हैं और फिर नाव के सहारे आवागमन होता है. हर साल यह पंचायत बाढ़ की विभीषिका को झेलती है जिससे काफी बरबादी होती है. यही कारण है कि यहां के लोग दिघवारा या दानापुर में भी अपना आशियाना बना लेते हैं. आजादी के 70 साल बाद राजधानी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर बसी इस पंचायत में बिजली की आपूर्ति का काम शुरू हुआ. पहले शीतलपुर से वैकल्पिक तौर पर अकिलपुर बिजली भेजी गयी. फिर इस पंचायत के सलहली रामदासचक गांव में एक विद्युत सबस्टेशन का निर्माण हुआ जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 10 अगस्त, 2018 को किया गया. तब से इस पंचायत में 17 से 18 घंटे तक बिजली की आपूर्ति होती है.

बिजली आने से इस पंचायत के विकास में गति आयी और कृषि को भी बिजली से खूब फायदा हुआ जिससे किसानों की आर्थिक दशा समृद्ध हुई.

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