Chhapra News : सफाई में निगम फेल, सड़कों पर लगे कचरे के ढेर

chhaora news : छपरा नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था एक फिर चौपट हो गयी है. अब ना तो गलियों में और सड़कों पर निगम के कर्मी सीटी बजाते हैं और ना ही जागरूकता गीत के माध्यम से लोगों को जागरुक करते हुए उनके द्वार तक पहुंचते हैं. लोगों की परेशानी इस बात को लेकर है कि अभी दशहरा आने वाला है और अभी ही स्थिति इतनी बदतर हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2024 10:06 PM
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छपरा. छपरा नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था एक फिर चौपट हो गयी है. अब ना तो गलियों में और सड़कों पर निगम के कर्मी सीटी बजाते हैं और ना ही जागरूकता गीत के माध्यम से लोगों को जागरुक करते हुए उनके द्वार तक पहुंचते हैं. लोगों की परेशानी इस बात को लेकर है कि अभी दशहरा आने वाला है और अभी ही स्थिति इतनी बदतर हो गयी है. गौरतलब हो कि छपरा शहर में भी बाढ़ का पानी आया था और अब धीरे-धीरे लौटने लगा है. इसके बाद साफ सफाई की जरूरत है, लेकिन जितनी तेजी से साफ-सफाई होनी चाहिए थी उतनी तेजी से साफ सफाई नहीं हो रही है. लोगों में इस बात को लेकर चर्चा है कि आखिर क्या कारण है डोर टू डोर कचरा कलेक्शन अभियान का भी लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है और कचरा फेंकने के लिए उन्हें आधा से एक किलोमीटर तक चलना पड़ रहा है. कई जगह तो विकट स्थिति है उन्हें अपने घर में ही इकट्ठा हुए कचरा को रखना पड़ रहा है क्योंकि वह बाहर जाकर नहीं फेंक सकते.

एजेंसी की कार्य शैली पर उठे सवाल

नगर निगम की सफाई एजेंसी को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. एजेंसी के द्वारा सफाई कर्मियों को अभी तक वर्दी नहीं दी गई है अगर वर्दी दी गई है तो फिर सफाई कर्मी क्यों नहीं उपयोग करते. सफाई उपकरण और संसाधन में काफी कमी है. नगर निगम क्षेत्र में कुल 45 वार्ड है. मुख्य सड़कों पर रहने वाली आबादी महज 30 परसेंट है जबकि 70 फ़ीसदी शहर की आबादी गलियों और गलुचो में रहती है. आंकड़ों की बात करें तो निगम क्षेत्र की अभी तक की आबादी तीन लाख 50,000 के आसपास है इनमें से एक से डेढ़ लाख की आबादी ही सड़क के मुख्य सड़कों के किनारे बने घरों में रहती है. शेष आबादी गलियों में रहती है.नगर में स्वच्छता अभियान की निकली हवानिगम क्षेत्र में 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान की हवा निकल गई है. इस अभियान को कहीं कोई गति नहीं दी जा रही है. स्वच्छता अधिकारी प्रथम दिन केवल रैली और जागरूकता अभियान चलाकर सुस्त पड़ गए हैं. आज भी शहर के 30 से 40 गलियों में जलजमाव बरकरार है. जलजमाव मुक्त कराने के लिए आवेदन और आंदोलन कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. गलियों में बने सड़कों की बात करें तो काफी जर्जर हो चुके हैं रही सही कसर विभिन्न योजनाओं के तहत कराए जा रहे हैं कार्य से जुड़े एजेंसियों ने पूरी कर दी है गलियों में बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। नालों का पानी सड़कों पर बह रहा है.

क्या कहते हैं पदाधिकारीसफाई व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यदि इस मामले में कहीं से भी कोई शिकायत आती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जायेगी. वहीं इस मामले में सफाई एजेंसी के साथ सेनेटरी इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे. सुनील कुमार पांडे, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम

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